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भारत ने हाल में चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराकर इतिहास रचा है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस कमाल की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के वैज्ञानिक अब सूरज की तरफ देख रहे हैं।
बताया जाता है कि सूर्य के प्रति शोध आदि के लिए इंडिया की पहली अंतरिक्ष वेधशाला, आदित्य-L1 को श्रीहरिकोटा से लांच करने की तैयारी हो रही है। इसे सितंबर में लांच किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इसरो पिछले कई वर्षों से प्रयोग करने में जुटा हुआ है।

आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान सूर्य के कोरोना का रिमोट ऑबजर्वेसन प्रदान करने और सूरज के वातावरण अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष यान बड़े पैमाने पर सोलर विंड की स्टडी करेगा, ऐसी विंड जो धरती पर हलचल पैदा कर सकती हैं और उन्हें औरोरा के रूप में जाना जाता है।
इसरो का यह मिशन, पृथ्वी के जलवायु पैटर्न पर सूर्य के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मददगार साबित हो सकता है।
इसरो के प्रमुख एस.सोमनाथ के मुताबिक सैटेलाइट तैयार हो चुका है और श्रीहरिकोट में पहुंच गया है। हालांकि इसके लांच होने की निश्चित तारीख तय नहीं की गयी है। लेकिन माना जा रहा है कि यान को सितंबर के पहले हफ्ते में लांच किया जा सकता है। जो भारतीय वैज्ञानिकों और देशवासियों के लिए एक और बड़े गर्व की बात होगी।
अभी हाल में ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की, ऐसा करने वाला भारत पहला देश बना है।

