साहित्य

राखी

बहन तुम्हें तो याद है ना दीदी आपको तो याद होगा ना पिछली बार भी न मिले हम इस बार तो मिलना होगा ना साथ होते थे जब हम सब गूंज उठता था सारा घर हमारे ठहाकों से हमारी वो बातें कभी खत्म ही न होती थी इस वर्ष तो ऐसा होगा ना बहन मिलना […]

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गांधीजी ने सोचा नहीं होगा !

By GD Pandey, Delhi   गांधीजी ने सोचा नहीं होगा! हर वर्ष 2 अक्टूबर मनाया जाएगा, जन्मदिन,शास्त्रीजीऔर गांधी जी का, महिमामंडितमहात्मा को कियाजाएगा. राजनैतिक हवा के अनुरूप,गूंजेगा गुणगान गगन में,रामराज नहीं, श्याम राज होगा,गांधी जी ने सोचा नहींहोगा! धन्ना सेठ होंगे मालामाल, कामगार रहेंगे सदा बदहाल. राष्ट्रीय उद्योग पनप नहीं पाएंगे, बहुराष्ट्रीय धंधे चमकते जाएंगे. सार्वजनिक […]

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पानी रे पानी…

By GD Pandey, Delhi पानी रे पानी, तेरी महिमा, किसी ने नहीं जानी. कब कौन सा नया गुल खिला दे? कब कितना झमाझम से हंसा दे? कब कितना लबालब से रुला दे? किस तरफ हो जाए तेरी मेहरबानी? तेरी महिमा, किसी ने नहीं जानी.   बूंद बूंद से सागर बने, बूंद बूंद से यह बादल, […]

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मां भारती गांव की, बेटी उसके गांव की…

By GD Pandey, Delhi  मां भारती गांव की, बेटी उसके गांव की, उसकी संस्कृति गांव की, ग्रामीणअर्थव्यवस्था गांव की, उसकी शिक्षा दीक्षा गांव की, सीधी साधी बेटी गांव की, वीर वाला है बेटी गांव की, बुद्धिमान होती है बेटी गांव की. बेटी के संघर्षों को सलाम, उसकी सहनशीलता को सलाम, बेटी की वफादारी को सलाम, […]

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हिंदी दिवस, राजभाषा दिवस

By GD Pandey, Delhi  14 सितंबर 1949, हिंदी दिवस, भारत सरकार राजभाषा घोषणा दिवस , हिंदी भाषा को राजभाषा का, दर्जा मिलने का औपचारिक दिवस. सरकारी कामकाज की भाषा, केंद्रीय सरकार के कार्यालयों की पहली भाषा, हिंदुस्तान की जंग भाषा, बहुतायत जनसमुदाय की मातृभाषा, मां भारती की सहज संवाद की भाषा, दर्जा मिले या ना […]

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राष्ट्रीय शिक्षक दिवस

By GD Pandey, Delhi  365 दिवसों में एक दिवस, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस, 1962 से मनाते आ रहे हैं, 5सितंबर, राष्ट्रीय शिक्षक दिवस. सभी शिक्षकों और शिक्षाविदों को, मुबारक हो राष्ट्रीय शिक्षक दिवस. शिक्षक देते शिक्षा और ज्ञान, उनको मिलना चाहिए पूर्ण सम्मान. राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाते हुए, 6 दशक तो पूरे होने […]

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भाई बहन का प्यार सदाबहार…

GD Pandey, Delhi भाई बहन का प्यार सदाबहार, हैअद्भुत, अनुराग अपरंपार. भाई की कलाई पर, बहन का राखी बंधन, पावन पर्व है रक्षाबंधन. सहोदर हो, या हो मुंहबोली, बहन तो बहन है, भाई के वास्ते, स्नेह से भरपूर, रहती सदा उसकी झोली. भाई बहन की परस्पर शुभकामनाएं, ना कोई लालच, ना ही अपेक्षाएं. भाई पर […]

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जीवंतता की जगमगाहट है जिंदादिली

By GD Pandey, Delhi जीवंतता की जगमगाहट है जिंदादिली, जिंदादिली की जागीर है य़ह जिंदगी। प्रकाश संश्लेषण और सकारात्मक ऊर्जा का, प्रतिबिंबित पर्याय होती है जिंदादिल जिंदगी। मां के आने की आहट, शिशु की स्वाभाविक छटपटाहट, अबोध गोद की बेताबी, दूध पीने और पिलाने की जल्दबाजी, मां की ममता और शिशु के अचेतन जुड़ाव की […]

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बुलंद हौसला…

By GD Pandey, Delhi जिंदगी का बीज मंत्र है बुलंद हौसला, संघर्ष से ही बुलंद होता है हौसला, संघर्ष करते रहोए हौसला जुटाते रहो, निर्धारित दिशा में आगे बढ़ते रहो, असफलता अथवा आंशिक सफलता भी अस्वाभाविक नहीं, पूर्ण सफलता की राह दिखाता है हौसला, जिंदगी का बीज मंत्र है बुलंद हौसला। तिनका तिनका जुटाकर बना […]

कला संस्कृति साहित्य

कुमाऊं की सौगात हरेला

By GD Pandey, Delhi कुमाऊं की सौगात है त्योहार हरेला, लाता ,मनभावन सावन का पैगाम हरेला. , सावन की फुहार, हरियाली की रफ्तार , घास की भरमार धिनाली की बहार, बच्चे वयस्क वृद्ध सभी रहते थे दमदार. छसिया खाने को था केले का पात, खीर का स्वाद बढ़ाता तिमिल का पात . मां का मर्मस्पर्शी […]