नई दिल्ली। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का मंगलवार तडक़े 80 साल की उम्र में निधन हो गया। जिया दशकों तक देश की राजनीति में एक प्रमुख हस्ती रही। वह शेख हसीना की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थीं। खालिदा पिछले कई महीनों से गंभीर हालत में थीं और ढाका के एवरकेयर अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट में उनका इलाज चल रहा था।
खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच दशकों चली प्रतिद्वंद्विता ने एक पीढ़ी तक बांग्लादेश की राजनीति को परिभाषित किया। जिया पर कई भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे, जिन्हें उन्होंने राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया था। जनवरी 2025 में उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ अंतिम भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी कर दिया था, जिससे फरवरी में होने वाले चुनाव में उनके उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ हो गया था।
जिया ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद मई में स्वदेश लौटी थीं। इससे पहले जनवरी की शुरुआत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी थी, जबकि शेख हसीना की सरकार ने इससे पहले कम से कम 18 बार उनके अनुरोधों को खारिज किया था। पिछले कई दिनों से जिया की तबीयत खराब चल रही थी।
खालिदा जिया का विवाह देश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान से हुआ था, जिनकी 1981 में एक सैन्य तख्तापलट के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके बाद जिया ने सैन्य तानाशाही के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 1990 में तानाशाही का पतन हुआ। जिया ने 1991 में पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला और 2001 से एक बार फिर इस पद पर रहीं।







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