Report ring Desk
नई दिल्ली। जाने-माने संस्कृति कवि आचार्य पद्मश्री प्रो. रमाकान्त शुक्ल का निधन हो गया। उनके निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा है कि आचार्य पद्मश्री प्रो रमाकान्त शुक्ल जी का अकस्मात हम लोगों को छोड़ कर चला जाना एक जीवंत संस्कृत युग का ओझल हो जाना है।
कुलसचिव प्रो. रणजित कुमार बर्मन ने कुलपति प्रो वडखेडी़ के प्रतिनिधि के रुप में उनके निवास पर पीआरओ डा. अजय कुमार मिश्रा के साथ आचार्य शुक्ल के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण करते हुए कहा है कि कवि शुक्ल के देहावसान पर संस्कृत के विश्वविद्यालय परिवार में शोक की लहर है। कुलपति तथा कुलसचिव ने आचार्य शुक्ल के कुटुंब जनों तथा संस्कृत अनुरागियों को इस दु:ख के क्षणों में सदा संबल मिलने की कामना की है।