नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने आदर्श महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं से परीक्षा की तैयारी तथा इससे संबंधित विविध पक्षों को लेकर चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा किपरीक्षा में मात्र ज्ञान का ही नहीं, अपितु प्रज्ञा अर्थात तीक्ष्ण बुद्धि का भी प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा परीक्षा वस्तुत: ज्ञान प्राप्त करने की एक सतत प्रक्रिया है और यदि यह मान कर वे इसकी तैयारी करते हैं, तो परीक्षा और उससे जुड़े अन्य भयों से भी मुक्ति मिल सकती है।
प्रो वरखेड़ी ने कहा कि जो छात्र छात्राएं अपने संकल्पित चित्त तथा निरन्तर निष्ठा से परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, तो वह ज्ञान उनके जीवन की अन्य परीक्षाओं में भी निश्चित रुप से काम आता है। अत: अपने विषय के शास्त्रों को मन से पढऩे से जीवन में स्वत: जीवनवृत्ति के लिए अनेक अवसर भी खुलेंगे। अपने विषय का गहन ज्ञान प्राशासनिक सेवा में भी जाने का कपाट खोलेगा।