Report ring Desk
जागेश्वर, अल्मोड़ा। जनपद अल्मोड़ा के विकासखण्ड धौलादेवी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय चमुवा लम्बे समय से शिक्षकों का रोना रो रहा है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय चमुवा में इस समय लगभग 40 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस विद्यालय में विद्यार्थियों की अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद शिक्षकों की कमी काफी लम्बे समय से सता रही है। ऐसा नहीं है कि इस विद्यालय में अध्यापकों की तैनाती नहीं की गई हो। सरकारी आंकड़ों में यहां पर दो अध्यापकों की तैनाती दिखाई गई है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाने की वजह से यहां के अभिभावक काफी चिंतित हैं। इसकी लिखित और मौखिक शिकायत को लेकर वे कई बार खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से मिल चुके हैं, लेकिन यहां अध्ययनरत बच्चों व अभिभावकों को आश्वासन की सिवाय कुछ हासिल नहीं हो पा रहा है।
इस विद्यालय मेें अभी सरकारी आंकड़ों में दो अध्यापकों की नियुक्ति दिखाई गई है। इनमें से एक अध्यापक श्री अरुण शाह जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं जबकि दूसरी अध्यापिका श्रीमती रितु तिवारी को बिना ट्रांसफर किए ही किसी अन्य विद्यालय में भेज दिया गया है। अध्यापकों की कमी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता के एन पाण्डेय व एसएमसी अध्यक्ष हीरा सिंह कार्की के नेतृत्व में अभिभावकों का प्रतिनिधिमंडल खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से लिखित व मौखिक रूप से कई बार गुहार लगा चुका है। लेकिन आश्वास के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं हो पा रहा है जिससे अब अभिभावकों में रोष बढऩे लगा है।
यहां के सामाजिक कार्यकर्ता के एन पाण्डेय और विद्यालय के एसएमसी अध्यक्ष हीरा सिंह कार्की ने बताया कि इस संबंध में अभिभावकों का प्रतिनिधिमंडल बीते जून माह में जिला शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, क्षेत्रीय विधायक से मिलने गया और विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर उन्हें पत्र सौंपा गया। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से शीघ्र ही निकटवर्ती विद्यालय से अध्यापक की व्यवस्था करने का आश्वासन तो दिया गया पर दो माह बीतने के बावजूद अभी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है, जिससे अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित हैं।
कोरोना काल में नहीं हो पाई ऑनलाइन पढ़ाई
विगत करीब डेढ़ साल से देश में कोरोना महामारी के चलते लगभग सभी विद्यालयों में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। लेकिन इस विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई जैसी किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है जिससे बच्चों का पठन पाठन चौपट हो गया है।
जागेश्वर मंदिर समिति की ओर से किया गया है विद्यालय का रूपांतरण
जागेश्वर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष श्री गोविन्द गोपाल, सामाजिक कार्यकर्ता के एन पाण्डेय व अभिभावकों की पहल पर इस विद्यालय का पिछले साल रूपांतरण किया गया था। जागेश्वर मंदिर समिति की ओर से विद्यालय का रूपांतरण के साथ ही वहां पर फर्नीचर की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। लेकिन इन सुविधाओं के बावजूद यहां पढऩे वाले बच्चों को गुरुजनों की कमी काफी समय से सता रही है।
क्या कहते हैं अभिभावक
जब तक विद्यालय में एक और शिक्षक की तैनाती नहीं हो पाती है तब तक किसी अन्य विद्यालय में भेजी गई यहां की अध्यापिका रितु तिवारी को उनके मूल विद्यालय में बुलाया जाए जिससे यहां अध्ययनरत बच्चों की पढ़ाई हो सके। साथ ही निकटवर्ती ऐसे विद्यालय से यहां अध्यापक की व्यवस्था की जाए जहां छात्र संख्या कम है और दो अध्यापक वहां पर कार्यरत हैं। इस इलाके में इतने बच्चे किसी अन्य स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं, छात्र संख्या को ध्यान में रखते हुए यहां पर कम से कम दो और अध्यापकों की नियुक्ति हो।