नई दिल्ली। इस बार 29 सितम्बर से पितृ पक्ष शुरू होने जा रहे हैँ। हर साल भाद्र पद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो 16 दिन तक चलता है और अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का समापन हो जाता है।
वैसे तो पितृ पक्ष की सभी तिथियां महत्व रखती हैं। हर तिथि पर किसी न किसी के पितर का देहांत हुआ होता है और वे उनके लिए श्राद्ध तर्पण करते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में भरणी श्राद्ध, नवमी श्राद्ध और पितृ अमावस्या श्राद्ध की तिथियां महत्वपूर्ण हैं। इस साल दो अक्टूबर को चतुर्थी श्राद्ध के साथ ही भरणी श्राद्ध भी किया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को भरणी नक्षत्र शाम 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। किसी भी परिजन की मृत्यु के एक साल बाद भरणी श्राद्ध करना होता है। अविवाहित मरने वाले लोगों का श्राद्ध पंचमी तिथि में करते हैं और उस दिन भरणी नक्षत्र हो तो और भी अच्छा रहता है, ताकि उसे मोक्ष मिल सके। पित्र पक्ष में नवमी श्राद्ध को मातृ श्राद्ध या मातृ नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल नवमी 7 अक्टूबर को पड़ेगी। इस तिथि को परिवार के पितरों, मां, दादी, नानी का श्राद्ध किया जाता है।
अश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या या अमावस्या श्राद्ध होता है। इस वर्ष 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं, जिनके निधन की तिथ मालूम नहीं होती है। ऐेसे में सर्व पितृ अमवस्या के दिन अपने ज्ञात अज्ञात पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण किया जाता है।

पितृ पक्ष श्राद्ध की तिथियां
29 सितंबर 2023, शुक्रवार, पूर्णिमा श्राद्ध
30 सितंबर 2023, शनिवार, द्वितीया श्राद्ध
01 अक्टूबर 2023 रविवार तृतीया श्राद्ध
02 अक्टूबर 2023, सोमवार चतुर्थी श्राद्ध
03 अक्टूबर 2023, मंगलवार, पंचमी श्राद्ध
04 अक्टूबर 2023, बुधवार, षष्ठी श्राद्ध
05 अक्टूबर 2023, गुरुवार, सप्तमी श्राद्ध
06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार, अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023, शनिवार, नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023, रविवार, दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023, सोमवार, एकादशी श्राद्ध
11 अक्टूबर 202३, बुधवार, द्वादश श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार, त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार, चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023, शनिवार, सर्व पितृ अमावस्या

