Report ring Desk
नई दिल्ली। राजे-रजवाड़ों की आन-बान, शान तथा लोक जीवन के चटकीले और रंगीले परिधान, मीठी तान और ऊॅटों की सवारी का सम्मान, सहसा मन जिस भूमि की तरफ इशारा करता है, वहां परम्परा एवं आधुनिकता का मनमोहक मेल है। यह धरती है राजस्थान की। इसी अनुपम संगम को दर्शाता ‘भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले’ का राजस्थान पवेलियन। दिल्ली के प्रगति मैदान में हर साल 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित होने वाले विश्व व्यापार मेला में राजस्थान पैवेलियन की बात ही निराली है।
राजस्थान मंडप के निदेशक दिनेश सेठी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की इस वर्ष की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप राजस्थान मंडप को तैयार किया गया है। जिसके लिए राज्य सरकार के उद्योग, रीको व बीप विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विशेष स्टॉल लगाया गया है जिसमें प्रदेश में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए व्यापार संबंधी सभी प्रकार की जानकारी आगुंतकों को प्रदान की जा रही है।
सेठी ने बताया कि मंडप में इस वर्ष राजस्थानी हैंडलूम को बढ़ावा देते हुए विश्व प्रसिद्ध जयपुरी रजाईयों, बैडशीट्स, जैकेट्स एवं गृहसज्जा के सामान के साथ ही स्टोन ज्वैलरी, रंग-बिरंगे लाख कंगन व चूडिय़ों के स्टॉल्स के अतिरिक्त राजस्थान के प्रसिद्ध पापड़, गजक, अचार,चटनी एवं अन्य खाने-पीने के उत्पादों का प्रदर्शन भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि मंडप में राजकीय विभागों में राजस्थान पर्यटन, हैंडलूम राजस्थान खादी ग्रामोद्योग, उद्योग और रूडा के अतिरिक्त इस बार स्टॉल लगाने के लिए राज्य के विभिन्न अंचलों जैसे जयपुर, श्रीगंगानगर, बागरू, बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुनू , नागौर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।