देहरादून। देहरादून के वैभव बिज्वाण का देश के सबसे बड़े मिलिट्री संस्थानों में शामिल राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी ) के लिए चयन हुआ है। 12 वर्षीय वैभव को आठवीं में दाखिला मिलेगा। आरआईएमसी में सभी प्रदेशों के लिए 25 सीट और उत्तराखंड के लिए मात्र एक सीट थी। इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश पाकर वैभव में अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। वैभव के पिता एसडीआरएफ में निरीक्षक के पद पर उत्तरकाशी में तैनात हैं।
देहरादून के विद्या विहार फेज-एक निवासी वैभव को फुटबाल खेलने का जुनून है। उनका सपना था कि पुर्तगाल की किसी प्रसिद्ध फुटबाल अकादमी में एडमिशन लेकर एक पेशेवर खिलाड़ी बनें।
उन्होंने आरआईएमसी में प्रवेश की पढ़ाई और फुटबाल दोनों सामंजस बैठाकर तैयारी की। आरआईएमसी की लिखित परीक्षा पास कर ली। आरआईएमसी में प्रवेश के लिए 25 सीटें थी जिसमें से उत्तराखंड के लिए मात्र एक सीट थी।
इस सीट पर वैभव का लिखित और साक्षात्कार के बाद चयन हुआ है। परीक्षा 30 जून और साक्षात्कार आठ नवंबर को हुआ था। मेरिट लिस्ट शुक्रवार सुबह आरआईएमसी की वेबसाइट पर जारी हो गयी। वैभव को आठवीं में दाखिला मिलेगा। वहीं 10वीं के बाद उनकी सेना में अधिकारी बनने की राह आसान होगी।
सातवीं के बाद मिलता है RIMC में प्रवेश

राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी ) में हर छह महीने में 25 कैडेटों को प्रवेश दिया जाता है। यह परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को कक्षा आठ में प्रवेश मिलता है। इसके लिए, उम्मीदवार कक्षा सात का स्टूडेंट होना चाहिए या किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से कक्षा सात उत्तीर्ण हो। प्रवेश के समय, उम्मीदवार की उम्र 11.5 से 13 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, कॉलेज में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को मेडिकल रूप से भी फिट होना चाहिए।

