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आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं- मोदी

पीएम ने किया कर्तव्य पथ का उद्घाटन

Report ring Desk

नई दिल्ïली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया। कर्तव्य पथ पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था। इस अवसर पर पूरा कर्तव्य पथ दूधिया रोशनी से जगमगाता नजर आया। उदघाटन समारोह में कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से सभी देशवासी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा, नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपनिवेशवाद का प्रतीक ‘किंग्सवे’ एक इतिहास होगा और हमेशा के लिए मिटा दिया गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी। आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। मोदी ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे। उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता। लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया। उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नेता जी कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी। इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला। मोदी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश ने अपने लिए ‘पंच प्राणों’ का विजन रखा है। इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है। इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आहृवान है। अपनी विरासत पर गर्व का बोध है।

कर्तव्य पथ पर अब क्या क्या दिखेगा नया

कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे। इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए भूमिगत पार पथ, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और आधुनिक लाइट से लोगों को बेहतर अनुभव होगा। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।

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