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शैलेन्द्र के चपरासी से असिस्टेंट कमिश्नर बनने के संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए मिसाल

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छत्तीसगढ़ के 29 वर्षीय शैलेन्द्र कुमार बंधे के संघर्ष और सफलता की युवाओं के लिए मिसाल है। शैलेन्द्र ने यह साबित कर दिखाया कि किसी भी परिस्थिति में सपनों को साकार किया जा सकता है। एनआईटी रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद शैलेन्द्र ने सरकारी सेवा का सपना देखा। इस सपने को पूरा करने के लिए चपरासी की नौकरी से भी परहेज नहीं किया। वह पिछले सात माह से छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के कार्यालय में चपरासी के रूप में कार्यरत हैं। चपरासी का काम करते हुए कभी निराश नहीं हुए।  उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की परीक्षा पास की और सहायक आयुक्त (राज्य कर) का पद हासिल किया। 

शैलेन्द्र का जन्म बिटकुली गांव, बिलासपुर जिले में हुआ । उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार है, लेकिन शैलेन्द्र ने कभी भी अपने सामाजिक और पारिवारिक सीमाओं को अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दिया। उन्होंने रायपुर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और फिर NIT रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया। यहां से उनकी दुनिया बड़ी हुई, और उनका सपना एक सरकारी अधिकारी बनने का आकार लेने लगा।
पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाए। दूसरे प्रयास में मेन्स में असफल रहे।  तीसरे और चौथे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन चयन नहीं हुआ। वह पीएससी की परीक्षा दे रहे थे। आर्थिक रूप से निर्भर बनने के लिए उन्होंने 2022 में चपरासी के लिए आवेदन कर दिया। परीक्षा पास होने के बाद उन्हें 27 मई, 2024 को नियुक्ति मिल गई। इसी साल फरवरी में आयोजित सीजीपीएससी-2023 की प्रीलिम्स परीक्षा में उन्हें सफलता मिली और चपरासी की नौकरी करते हुए मेंस परीक्षा की तैयारी में जुट गए।  आखिरकार, शैलेन्द्र को  पांचवें प्रयास में CGPSC 2023 में सफलता मिली। उन्होंने 73वीं रैंक (जनरल कैटेगरी) और 2वीं रैंक (आरक्षित वर्ग) हासिल की। शैलेन्द्र की मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। अब वह असिस्टेंट कमिश्नर (स्टेट टैक्स) के पद पर नियुक्त होंगे।

 

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