बहुप्रतीक्षित बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों का लेखा-जोखा पेश किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अमृतकाल की शुरुआत में यह भवन बना है, यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक भी है। साथ ही उन्होंने विश्वास भी जताया कि इस नव निर्मित भवन में विभिन्न नीतियों पर सार्थक चर्चा होगी। ऐसी नीतियां जो कि आजादी के इस अमृतकाल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी।
यहां बता दें कि एक ओर दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं गंभीर संकट से जूझ रही हैं। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है। भारत के लिए पिछला साल उपलब्धियों वाला साल भी रहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा कि रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म को सरकार ने लगातार जारी रखा है। नारी शक्ति अधिनियम पारित करने के लिए मैं सदस्यों का अभिवादन करती हूं। यह मेरी सरकार के महिला नीत विकास के संकल्प को मजबूत करता है। साथ ही राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी, जो आज सच हो चुकी है। साथ ही राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से वाकिफ है। इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का फैसला लिया गया है। राष्ट्रपति ने गरीबी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे हैं। लेकिन जीवन में पहली बार इतने बड़े स्तर पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं। मेरी सरकार के कार्यकाल में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकलने में सफल रहे हैं। सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का आधार बनाया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा कि आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेनदेन का 46 फीसदी भारत में होता है। पिछले महीने यूपीआई से रिकार्ड 1200 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। साथ ही विकसित भारत की भव्य इमारत चार स्तंभों- युवा शक्ति, नारी शक्ति, किसान और गरीब पर खड़ी होगी। इन चार स्तंभों को सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है।

