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कैकेई ने रचा कुचक्र और श्री राम को हुआ वनवास

अल्मोड़ा। भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की चतुर्थ दिवस की रामलीला में कैकेई-मंथरा, दशरथ-कैकेई संवाद आकर्षण का केन्द्र रहे। संवादों ने दर्शकों का मन मोह लिया तथा दर्शकों ने तालियों के माध्यम से कलाकारों की हौसला अफजाई की। रामलीला मंचन में कलाकारों के इन संवादों को दर्शकों ने आनलाईन भी अपने घरों में बैठ कर देखा तथा संदेशों द्वारा भी कैकेई-मंथरा तथा दशरथ-कैकेई संवादों की काफी सराहना की गयी।

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चतुर्थ दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि भुबन चन्द्र कर्नाटक शिक्षाविद् एवं नवीन बिष्ट भूतपूर्व सैनिक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। समिति के मार्गदर्शन मण्डल के सदस्यों द्वारा अतिथियों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत व अभिनन्दन किया गया।

मुख्य अतिथियों ने रामलीला समिति की हार्दिक प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके द्वारा ऐसे सांस्कृतिक और ऐसिहासिक कार्यक्रम निरन्तर आयोजित किये जाते रहे हैं जो वर्तमान परिवेश में अपनी लोक कला संस्कृति के उत्थानएसंरक्षण एवं नयी पीढ़ी को इससे जोडऩे हेतु अत्यन्त आवश्यक पहल है । समाज में समाज में फैली हुई कुरीतियों को दूर किया जाना अति आवश्यक है जिसके लिये रामलीला मंच से यह मुहिम जारी रखी जा सकती है। उन्होंने कमेटी संस्थापक संयोजक पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक व समिति के समस्त पदाधिकारियों कीप्रसंशा करते हुये बधाई देते हुये कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि समिति भविष्य में भी समाज में जागरूकता लाने व महिलाओं को अपनी सभ्यता संस्कृति विरासत से जोडऩे के लिये प्रयासरत रहेगी।

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वरिष्ठ रंगकर्मी एवं विख्यात कवि मनीष तिवारी ने दशरथ, अंशु नेगी मंथरा, हर्षिता तिवारी कैकेई, दिव्या पाटनी राम, किरन कोरंगा लक्ष्मण, रश्मि काण्डपाल सीता,मिनाक्षी जोशी कौशिल्या दिव्या जोशी सुमित्रा का अभिनय कर रहे कलाकारों ने अपनी अनूपम अभिनय क्षमता का प्रर्दशन कर सभी दर्शकों को बांधे रखा। कार्यक्रम का संचालन गितांजलि पाण्डे द्वारा किया गया।

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