नई दिल्ली। कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सभी को बधाई देते कहा कि अन्तरराष्ट्रीय भाषा दिवस घर-घर का उत्सव बने। उनका मानना है कि इसका आयोजन विश्व स्तर पर भाषिक बहुलता की भावना को सुदृढ़ करने के लिए किया जाता है। अत: प्रत्येक घर की एक एक दीया मिल कर अन्तरराष्ट्रीय भाषिक समरसता तथा एकजूटता को मजबूत करेगी।
प्रो वरखेड़ी ने कहा कि संस्कृत भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से अनेक भाषाओं के निकट होने के कारण जीवन्त सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है। यह तथ्य भारतीय भाषाओं और संस्कृत के साथ जुड़ता दिखता है। यही कारण है अपने देश में प्रथम बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में संस्कृत को केन्द्र में रख कर भारतीय भाषाओं के महत्त्व को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है।

