Report ring Desk
देहरादून। आशा फैसिलिटेटर एवं कार्यकर्ता संगठन ने उनके कार्य और परिश्रम को देखते हुए 20 दिन का मोविलिटी भत्ते की जगह 30 दिन का मानदेय दिए जाने की मांग की है। संगठन ने दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता दिए जाने की मांग भी की है। संगठन का कहना है कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में जहां आवागमन का साधन नहीं होता वहां आशा कार्यकर्ताओं को अपने निजी खर्चे से जाना होता है जिससे उनका आने जाने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। साथ ही उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को आशा फैसिलिटेटर, आशा फैसिलिटेटर को ब्लाक कॉडिनेटर और ब्लाक कॉडिनेटर को जिला कॉडिनेटर में प्रमोशन देने की मांग भी की है।
आशा फैसिलिटेटर एवं कार्यकर्ता संगठन की महामंत्री रेनू नेगी ने गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान से मुलाकात कर उन्हें संगठन की मांगों को लेकर यह पत्र दिया और विधायक से उनकी मांगों के निराकरण की मांग की। विधायक चौहान को सौंपे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर वर्ष 2005 से कार्य कर रहे हैं। सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में आशा फैसिलिटेटर की अहम भूमिका रहती है। वर्तमान में प्रदेश में 12 हजार 315 आशा कार्यकर्ता और 606 आशा फैसिलिटेटर कार्य कर रहे हैं। संगठन ने इसकी प्रतिलिपि महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य कल्याण विभाग और निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड को भी भेजी है।