अल्मोडा। उत्तराखंड के अल्मोडा से ताल्लुक रखने वाले डॉ. तरुण बेलवाल ने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जगत में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में खाद्य विज्ञान में 498वीं रैंक प्राप्त हुई है, जो न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड और भारत के लिए गर्व का क्षण है। डॉ. बेलवाल की यह उपलब्धि उनके वर्षों के अथक परिश्रम और उच्चस्तरीय शोध कार्य का नतीजा है।
परिवार और प्रेरणा
डॉ. तरुण बेलवाल की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके माता-पिता, श्रीमती निर्मला बेलवाल और श्री नवीन चंद्र बेलवाल, ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पत्नी, सुदिप्ता रामोला, ने भी उनके सफर में निरंतर समर्थन दिया। उनकी बहन, दीक्षा बेलवाल, और दादा-दादी के आशीर्वाद ने भी उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की है। इसके अलावा, उनके रिश्तेदार, डॉ. आई.डी. भट्ट, जो जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा में वैज्ञानिक हैं, ने भी उन्हें मार्गदर्शन और प्रेरणा दी है।
वैज्ञानिक सफर
डॉ. तरुण बेलवाल ने अपनी पीएचडी जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान और कुमाऊं विश्वविद्यालय से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने विश्व प्रसिद्ध ज़ेजियांग यूनिवर्सिटी (चीन), यूनिवर्सिटी ऑफ़ ट्यूरिन (इटली), और टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च किया। फिलहाल वे न्यू जर्सी, यूएसए में 7CNP नामक संस्थान में रिसर्च डायरेक्टर (फाइटोन्यूट्रिएंट्स) के पद पर कार्यरत हैं।
प्रकाशन और योगदान
डॉ. बेलवाल ने अब तक सात पुस्तकें प्रकाशित की हैं और उनके शोध कार्यों को 7000 से अधिक बार उद्धृत किया जा चुका है, जो उनके काम की प्रासंगिकता और महत्व को दर्शाता है। वह प्रतिष्ठित “Phytomedicine” जर्नल में एसोसिएट एडिटर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो फाइटोमेडिसिन और हर्बल चिकित्सा के क्षेत्र में एक अग्रणी पत्रिका है।
विज्ञान में योगदान
डॉ. बेलवाल के शोध कार्य मुख्य रूप से फाइटोन्यूट्रिएंट्स, खाद्य विज्ञान और प्राकृतिक उत्पादों से संबंधित हैं। उनके शोधों ने प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स, स्वास्थ्य सुधारक खाद्य पदार्थों और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। उनके अनुसंधान न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर स्वास्थ्य और पोषण विज्ञान के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
स्थानीय और वैश्विक पहचान
अल्मोडा के इस प्रतिभाशाली वैज्ञानिक ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जो छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी उपलब्धि से उत्तराखंड के वैज्ञानिक समुदाय में भी गर्व की भावना है। डॉ. बेलवाल की यह यात्रा यह साबित करती है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी व्यक्ति विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।
डॉ. तरुण बेलवाल ने विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाकर भारत का नाम रोशन किया है, और उनकी यह उपलब्धि आने वाले समय में विज्ञान और शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।