Report ring desk
देहरादून। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यह देश विश्व में चर्चा का केंद्र बना है। तालिबान के टॉप कमांडरों में से एक 60 वर्षीय शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने करीब चार दशक पहले आईएमए देहरादून से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान बैचमेट्स उसे शेरू नाम से बुलाते थे।
शेर मोहम्मद अब्बास तालिबान में सेकेंड इन कमांड और प्रमुख वार्ताकार है। 1982 में आईएमए से डेढ़ साल की मिलिट्री ट्रेनिंग पास आउट होकर वह अफगान नेशनल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुआ था। 14 साल तक आर्मी में तैनात रहा।
वर्ष 1996 में सेना छोड़ने के बाद वह तालिबान में शामिल हो गया। तालिबान को 2001 में सत्ता से हटाए जाने के बाद वह कतर की राजधानी दोहा में रह रहा था। स्तानिकजई को कट्टर धार्मिक नेता कहा जाता है। वर्ष 2015 में उन्हें तालिबान के दोहा स्थित राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बनाया गया। जिसके बाद उन्होंने अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा वह अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते में भी शामिल रहा। स्तानिकजई जातीय रूप से पश्तून है।