– मेला प्रशासन ने की संयम बनाए रखने की अपील
– पीएम ने सीएम योगी आदित्यनाथ से की बात
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार की सुबह भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिससे 10 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है और कई लोग घायल हो गए हैं। मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम घाटों पर 80 से 100 मिलियन से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद की गई थी। भगदड़ की घटना और बचाव कार्यों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद नजरें बना रखी हैं। पिछले दो घंटे में प्रधानमंत्री ने तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस संबंध में तीन बार बात की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, संयम से काम लें, यह आयोजन सभी लोगों का है। प्रशासन उनकी सेवा के लिए तत्परता से लगा है। सीएम ने महाकुंभ में मची भगदड़ पर उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कहा कि रात एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग के संगम नोज पर यह घटना हुई। बैरिकेट्स को फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है उनका इलाज चल रहा है। सीएम ने महाकुंभ के संगम नोज पर मंगलवार देर रात मची भगदड़ की घटना पर कहा कि संगम नोज, अखाड़ा मार्ग ओर नाग वासुकी मार्ग पर फिलहाल भारी दबाव है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। इस समय प्रयागराज में लगभग आठ से दस करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं।
हादसा देर रात करीब 2 बजे हुआ। आज मौनी अमावस्या पर करोड़ों लोगों के संगम पहुंचने की उम्मीद है। इस भगदड़ में 10 लोगों के मरने और कई लोगों के घायल होने की सूचना है। मेला प्रशासन घटनास्थल पर पहुंच चुका है। सभी सरकारी अमला स्थित को सामान्य बनाने की कोशिश में जुटा है। भगदड़ के बाद अखाड़ों का अमृत स्ïनान रोक दिया गया था। मेला प्रशासन ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही लोगों से संयम रखने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील कर रहा है।

अब अखाड़ा परिषद ने किया शाही स्नान का ऐलान
सभी अखाड़ों ने मौनी अमावस्या पर पहले अमृत स्नान रद्द करने का ऐलान किया था लेकिन अब स्थिति होने के बाद मकाकुंभ मेलाधिकारी से बातचीत के बाद अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान का ऐलान कर दिया है। हालांकि पहले की तरह जुलूस नहीं होगा। इसे काफी छोटा रखा जाएगा। देर रात हुई भगदड़ की घटना के बाद शाही स्नान रद्द करने का ऐलान करने वाले अखाड़ा परिषद के अध्या रविंद्र गिरी ने अब कहा है कि प्रशासन से बातचीत हुई है। प्रशासन ने कहा कि साधु संतों के स्ïनान वाले घाट धीरे धीरे खाली किए जा रहे हैं। इसलिए अब स्ïनान का फैसला लिया गया है।

