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देहरादून। राज्य सरकार ने कोरोना के दौर में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद नौकरियों में आरक्षण देने को लेकर भारी असमंजस था। अब शासन ने एक शासनादेश जारी कर इससे जुड़ीं सभी कठिनाइयों को दूर कर दिया है।
सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु उनके जन्म के 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। सबसे बड़ा असमंजस अनाथ बच्चों की जाति को लेकर था।
अब शासन ने स्पष्ट कर दिया कि अनाथ आश्रमों में रह रहे जिन बच्चों की जाति का पता नहीं चलेगा, उन्हें अनारक्षित वर्ग में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। जिन बच्चों की जाति का पता होगा, उन्हें उनकी श्रेणी जैसे एससी, एसटी, ओबीसी आदि में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। शासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के पदों पर कोई नहीं आता तो उन पदों को संबंधित श्रेणी में काउंट करते हुए भर दिया जाएगा।