Report ring desk
देहरादून।कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी, सरकारी वाहन या दफ्तर में सोशल मीडिया के लिए रील या फोटो नहीं बना पाएगा। पुलिस मुख्यालय ने पहली बार सोशल मीडिया पॉलिसी जारी करते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। आईजी-पुलिस आधुनिकीकरण डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि पुलिस अनुशासित फोर्स है और उसके लिए तमाम तरह की कर्मचारी आचरण नियमावलियां हैं। लेकिन, यह देखने में आ रहा है कि सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों की ओर से वर्दी में ऐसे वीडियो या रील्स डाले जा रहे हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। इसलिए, इसे अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पुलिसकर्मी अपने कार्यालय या कार्यस्थल पर भी कोई रील या वीडियो बनाकर व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं चला सकेंगे। पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्रॉफ्ट, विवेचना या अपराध की जांच में प्रयुक्त होने वाली तकनीक की जानकारी भी साझा नहीं करेंगे। किसी भी गुप्त ऑपरेशन या अभिसूचना संकलन की भी जानकारी अपलोड नहीं कर सकेंगे।

आईजी नीलेश भरणे ने बताया कि नई पॉलिसी के अनुसार, कोई भी पुलिसकर्मी सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी तरह की आय अर्जित नहीं कर सकेगा। अगर वह व्यावसायिक तौर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है तो उसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। व्यावसायिक कंपनी, उत्पाद या सेवा का प्रचार-प्रसार भी नहीं कर सकेंगे।

