Anil Azad Pandey, Beijing
कोविड-19 महामारी के बाद चीन में एक और वायरस के फैलने की खबरें हैं। बताया जा रहा है कि यह वायरस बहुत खतरनाक है और इसने चीन में कोहराम मचाया हुआ है। अस्पतालों में लोगों को भर्ती करने की जगह नहीं है। साथ ही लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। कुल मिलाकर चीन की स्थिति चिंताजनक बतायी जा रही है। ऐसा चीन में मौजूद लोग नहीं बल्कि इंडियन मीडिया व अन्य जगहों पर समाचारों में कहा जा रहा है। इससे आम जनमानस के मन में डर का माहौल पैदा हो गया है।
इस लेख के जरिए हम बताने की कोशिश करेंगे कि चीन में कैसे हालात हैं।
बता दें कि इन दिनों चीन में एचएमपीवी(HMPV) नाम का वायरस सक्रिय है। जो लोगों को संक्रमित कर रहा है, पिछले कुछ हफ्तों में चीन में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी है। लोगों में बुखार, शरीर में दर्द और सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण नजर आ रहे हैं। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को वायरस परेशान कर रहा है। हालांकि मरीज कुछ दिन में स्वस्थ हो जा रहे हैं। एचएमपीवी के जानलेवा होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। इस तरह कहा जा सकता है कि चीन में इस वायरस से किसी की मौत नहीं हो रही है।
अगर चीन के शहरों की स्थिति और लोगों की दिनचर्या की बात की जाय तो सब कुछ सामान्य चल रहा है। चीनी नागरिक पहले की तरह रोजाना अपने दफ्तर जा रहे हैं, बच्चे स्कूल जा रहे हैं। साथ ही बाजार, मॉल व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की भारी भीड़ दिख रही है। बीजिंग, शंघाई और अन्य बड़े शहरों में यही हाल है। जबकि परिवहन व्यवस्था भी सुचारू ढंग से चल रही है। रेल, सड़क व हवाई यातायात नॉर्मल है। किसी भी जगह पर कोई प्रतिबंध जैसी बात नहीं है। लोग निर्बाध रूप से एक जगह से दूसरी जगह आ-जा रहे हैं।
इतना ही नहीं हाल में इंग्लिश न्यू ईयर और क्रिसमस के दौरान लोगों ने खूब पार्टियां कीं। बड़े-बड़े म्यूज़िक प्रोग्राम आयोजित हुए। आजकल चीनी नागरिक अपने परंपरागत नव वर्ष की तैयारियों में जुटे हैं। बाज़ारों में उत्साह के साथ खरीददारी की जा रही है। इस तरह चीन में कोरोना महामारी जैसा कोई माहौल नहीं है। बस एक फ्लू की तरह वायरस लोगों को बीमार कर रहा है।
उधर चीनी डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर का कहना है कि यह कोई नया वायरस नहीं है। एचएमपीवी वर्ष 2001 में नीदरलैंड में पाया गया था। यह समय-समय पर लोगों को संक्रमित करता रहता है। ऐसे में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन सावधानी जरूर बरतने की सलाह दी जा रही है।
चीनी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अब तक किसी भी मरीज में वायरस का कोई नया स्ट्रेस्ट्रेन नहीं पाया गया है। हालांकि लोकल मीडिया की कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन के शहर फ्लू के पीक मौसम में पहुंच गए हैं।
दरअसल चीन में आजकल कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस बीच पिछले कुछ हफ्तों से देश के उत्तरी इलाकों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है। चीन सरकार व चीनी विशेषज्ञ एचएमपीवी के संक्रमण से लोगों के बीमार होने की बात से इनकार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके कारण पीड़ित मरीज़ों में सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में दर्द के अलावा सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिख रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक सीज़नल फ्लू की तरह है, जैसा कि लगभग हर साल सर्दियों में होता है। हालांकि इस बार पहले की तुलना में ज्यादा लोगों को इस वायरस ने अपनी चपेट में लिया है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को संक्रमित कर रहा है।
मीडिया में जारी खबरों के उलट हेल्थ एक्सपर्ट्सर्ट्स कह रहे हैं कि एचएमपीवी कोरोना वायरस की तरह नहीं है। यह वायरस कई दशकों से मौजूद है, अकसर छोटे बच्चे इससे संक्रमित होते रहते हैं। लेकिन यह भी हकीकत है कि यह कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों और लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है।
बीजिंग में रहते हुए मैंने जो देखा है, उसके आधार पर कह सकता हूं कि चीन में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है, जैसा कि बाहर बताया जा रहा है। इसलिए लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देनी चाहिए और डॉक्टरों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान देना चाहिए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले 15 वर्षों से चीन में कार्यरत हैं।)