नई दिल्ल्ली। जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय रक्षा बल अपनी परिचालनात्मक स्थिति को बढ़ा रहे हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) मध्य क्षेत्र में ‘अभ्यास आक्रमण’ का आयोजन कर रही है, जिसमें राफेल, सुखोई-30एमकेआई और अन्य जैसे अग्रणी लड़ाकू विमान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास नियमित तैयारी अभ्यास का हिस्सा है। हालांकि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद इसकी टाइमिंग ने सार्वजनिक और रणनीतिक रुचि को आकर्षित किया है। भारतीय वायुसेना राफेल विमानों के दो स्क्वाड्रन संचालित करती है, जो पश्चिम बंगाल के अंबाला और हाशिमारा में स्थित हैं। शक्ति के समानांतर प्रदर्शन करते हुए भारतीय नौसेना ने गुरुवार को अरब सागर में अपने नवीनतम स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस सूरत से मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
शक्ति और सतर्कता का प्रदर्शन करते हुए न केवल लड़ाकू विमान बल्कि परिवहन विमान भी गुरुवार रात सक्रिय रहे। कथित तौर पर ये विमान सीमा क्षेत्रों के बेहद करीब से उड़े। इस बीच एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम से लैस विमानों ने दुश्मन की हरकतों पर कड़ी निगरानी रखी। इस दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के जेट भी सीमा पार से उड़ते देखे गए। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाएं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना अब हाई अलर्ट पर हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर अरब सागर तक हरकतें बढ़ गई हैं। पाकिस्तानी सीमा पर भारतीय राफेल विमानों ने हवाई गश्त शुरू कर दी है, जबकि सुरक्षा बल सीमावर्ती गाँवों में जाँच बढ़ा रहे हैं और आतंकवादियों के ठिकानों को व्यवस्थित तरीके से नष्ट कर रहे हैं।


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