independence day

  हमारी आजादी का जश्न!

आजादी का, जश्न मनाओ जरूर.
हैं आजाद, भारत के नागरिक हम,
हमारी आजादी, आजादी के दीवाने हम.
आजादी पर तनिक, आज विचार-विमर्श करो जरूर. .
आजादी के रणबांकुरे, बलिदानी शहीदों को सलाम करो जरूर.
खुदीराम बोस,राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह सरीखे,

इंकलाब की बलिवेदी पर,
प्राणों की आहुति देने वाले,
शहीदों की पालकी के कहार बनो जरूर.

15 अगस्त 1947,
ब्रिटिश शासकों की रवानगी,
भारतीय शासक वर्ग की ताजपोशी,
राजनीतिक सत्ता हस्तांतरण दिवस,
कहलाता है भारतीय स्वतंत्रता दिवस.
1942 की अगस्त क्रांति, सफल हो ना सकी,
जन आंदोलनों को क्रांतिकारी दिशा, मिल ना सकी,
मां भारती को पूर्ण स्वराज वाली आजादी, मिल ना सकी,
साम्राज्यवादी चंगुल से अर्थव्यवस्था बाहर निकल ना सकी.

एक अखंड राष्ट्र को, सांप्रदायिकता के आधार पर बांटना, धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक जहर की खेती करना,
फूट डालना और राज करना, तानाशाही का तांडव और निरंकुश राज करना, आवाम की आवाज को दमनचक्र से दबा देना, आकाओं की सेवा और स्वार्थ पूर्ति, के लिए कुछ भी कर डालना. ब्रिटिश शासन काल की ऐसी मूलभूत नीतियां,
समाप्त हो ना सकी, गुलामी बरकरार रखने की थी जो नीतियां, फलती-फूलती आ रही हैं वही नीतियां. आजादी के मायने, समझो जरूर, आजादी का, जश्न मनाओ जरूर..

बुनियादी कानून और  संहिताएं,
औपनिवेशिक दासता का ढांचा,
कब बदलेगा? यह अप्रासंगिक  और
अवांछित ढांचा,
कब बनेगा? जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए सुव्यवस्थित ढांचा,
आजादी के 74 वर्षों में,
अमीर और गरीब के बीच की खाई,
भरनेके बजाय और अधिक गहराई,
शासक वर्ग और मेहनतकश वर्ग का आपसी अंतर्विरोध, दिनोंदिन तीव्रतर होता गतिरोध.
जनमानस की जरूरत है,    
व्यवस्था में बदलाव, लाना होगा जरूर, आजादी का जश्न, मनाना है जरूर

जीडी पांडे द्वारा रचित
Follow us on Google News

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top