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नई दिल्ली। मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल नहीं रहे। कोरोना संक्रमण के बाद वह दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक कर रहे थे। जीवन के अंतिम पलों में भी उन्होंने अपने वीडियोज और संदेशों के जरिए कई जानें बचाई हैं।
उनके वीडियो करीब दस करोड़ लोगों तक पहुंचे। पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर अग्रवाल चाहते थे कि उन्हें खुश होकर याद किया जाए दुखी होकर नहीं। हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ केके अग्रवाल का कई दिनों से वेंटीलेटर पर इलाज चल रहा था।
डॉक्टर अग्रवाल ने 1979 में नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई की । MBBS के बाद साल 1983 में इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने MD की पढ़ाई भी की। कहा जाता है कि देश में दिल के दौरे के लिए स्ट्रैप्टोकिनेस थैरेपी का इस्तेमाल करने वाले शुरुआती डाॅक्टरों में डॉक्टर अग्रवाल का नाम भी शामिल है। साथ ही उन्होंने भारत को ईकोकार्डियोग्राफी से भी परिचित कराया।
पढ़ाई के बाद उन्होंने नई दिल्ली के मूलचंद मेडसिटी में साल 2017 तक सीनियर कंसल्टेंट का पद भी संभाला। इसके अलावा वे हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर भी रहे। वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।