अल्मोड़ा। वर्षो से सडक़ की मांग कर रहे कनारीछीना बिनूक पतलचौरा के लोगों को राज्य बनने के 24 साल बाद भी सडक़ नसीब नहीं हो पाई। यहां के लोगों का कहना है कि सडक़ की मांग करते करते इनकी चप्ïपलें घिस गई लेकिन सडक़ नहीं बनी। रीठागाड़ दगडिय़ों संघर्ष समिति विगत 5-6 साल से लगातार शासन प्रशासन से सडक़ की गुहार लगा रही है लेकिन सडक़ निर्माण को लेकर अभी कोई पहल तक नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि सडक़ की मांग करते करते अब वे थक चुके हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता व रीठागाड़ दगडिय़ों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी का कहना है सरकार भले ही यह कहे कि हमने सडक़ों का जाल बिछा दिया है लेकिन कनारीछीना बिनूक पतलचौरा के लोग आज भी सडक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नेगी का कहना है कि कनारीछीना बिनूक पतलचौरा सडक़ लोक निर्माण विभाग की 1968 की सडक़ है। इसी मार्ग से हमने सडक़ की मांग रखी है। लेकिन राज्य बनने के बाद सरकारें आई और गई पर हमारी वर्षो पुरानी सडक़ की मांग पूरी नहीं हो पाई। वर्षो से सडक़ के लिए संघर्ष कर रहे यहां के लोग अब शासन-प्रशासन से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं, पर उनका सडक़ का सपना पूरा होगा भी नहीं अब उन्हें इसकी उम्मीद भी नहीं है।

