vaccination e1622190160500

जरूर लगवाएं वैक्सीन, कोरोना के दौर में टीकाकरण

 Report Ring News

कोरोना महामारी के दौर में टीकाकरण का महत्व बहुत बढ़ गया है। हालांकि शुरुआत में कई देशों के नागरिक कोरोना टीके लगाने के लिए उतने इच्छुक नहीं थे। लेकिन जैसे-जैसे महामारी की दूसरी और तीसरी लहर ने परेशान किया, उसे देखते हुए टीके लगवाने वालों की तादाद बढ़ रही है। भारत में महामारी का प्रकोप बढ़ने के चलते न केवल भारतीय टीकों को लगाए जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। बल्कि रूसी टीके स्पूतनिक भी जल्द ही लोगों को लगाये जाने हैं। इसके साथ ही भारत सरकार ने 18 साल से अधिक की उम्र के सभी लोगों को टीके लगाने की अनुमति दे दी है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से बार-बार टीके लगवाने की अपील की जा रही है। क्योंकि अधिकांश लोगों को वैक्सीन लगाए जाने के बाद ही महामारी के प्रसार का खतरा कम से कम किया जा सकता है। हालिया एक सर्वे के मुताबिक एस्ट्रेजेनेका और फाइजर के टीके लगवा चुके लोगों में संक्रमण का खतरा टीके न लगवाने वालों की तुलना में कम देखा गया। इसके साथ ही वायरस के प्रसार के मामले में भी वैक्सीन प्रभावी नजर आ रही है।  

अगर चीन की बात करें तो उसने महामारी पर नियंत्रण करने के बाद भी टीकाकरण अभियान में ढील नहीं दी है। चीन में लोगों को अब तक कोरोना की 23 करोड़ से अधिक खुराकें लगायी जा चुकी हैं। जिसमें यहां रहने वाले विदेशी भी शामिल हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि चीन ने वायरस की गंभीरता को अच्छी तरह से समझा है। इसके कारण ही वह अन्य देशों को वैक्सीन की मदद भी पहुंचा रहा है। जैसा कि हमने देखा कि अफ्रीका से लेकर यूरोप तक चीनी वैक्सीन पहुंच गयी है, जिससे वहां के लोगों का जीवन बचाया जा रहा है। कहना होगा कि वैक्सीन वायरस व महामारी के खात्मे में प्रमुख हथियार साबित हो सकती है। हालांकि मॉस्क पहनने या अन्य उपायों में कमी नहीं लानी होगी।

इसके साथ ही चीन डब्ल्यूएचओ की कोवाक्स योजना में भी शामिल हुआ है, जिसका मकसद अविकसित व कम सामर्थ्य वाले देशों को वैक्सीन की सहायता देना है। हमने यह भी देखा है कि अमेरिका, कनाडा व ब्रिटेन आदि देश वैक्सीन राष्ट्रवाद का अभियान चला रहे हैं, उनके पास टीकों की अतिरिक्त खुराकें जमा हैं, लेकिन वे मदद देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया से वायरस का खात्मा करने में योगदान न देने वालों को क्या इतिहास कभी माफ कर पाएगा।

साभार-चाइना मीडिया ग्रुप

Follow us on Google News

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top