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शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय को जमानत के लिए कोर्ट में बिताने पड़े छह घंटे

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Report ring desk

रुद्रपुर। पांच साल पहले गदरपुर में नेशनल हाईवे जाम करने के मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत से वारंट जारी होने के बाद शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए। मंत्री के अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए लगाए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जमानत के लिए मंत्री को कोविड-19 का टेस्ट कराने के साथ ही छह घंटे तक कोर्ट परिसर में रहना पड़ा। 

पट्टे की भूमि पर हुए निर्णय से नाखुश एक पक्ष के लोगों ने 25 अगस्त 2015 को गदरपुर के नायब तहसीलदार शेर सिंह ग्वाल के साथ मारपीट की थी। मामले में नायब तहसीलदार ने विधायक और वर्तमान में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय सहित कई लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इससे नाराज अरविंद पांडेय ने समर्थकों के साथ जुलूस निकालकर पुतला दहन करने के साथ नेशनल हाईवे जाम कर दिया था।

पुलिस ने 26 अगस्त को अरविंद पांडेय और अन्य के खिलाफ धारा 147ए, 341ए, 186 आईपीसी और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में चल रही थी। कोर्ट की ओर से समन भेजने के बावजूद शिक्षामंत्री बीते नौ अक्तूबर को कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे। कोर्ट ने दोनों जमानतियों की जमानत जब्त करने के साथ ही रिकवरी के आदेश देते हुए मामले में जमानती वारंट जारी किया था। 

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