प्रताप नेगी
उत्तराखंड के गांवों में खेती संकट में है। जंगली जानवर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। दिन में बंदर नुकसान पहुंचा रहे तो रात को सुअरों का आतंक बना है। रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनी विकासखंड स्थित छिनका गांव की महिलाओं ने सुअर और बंदर भगाओ अभियान शुरू किया है। रात को महिलाएं कनस्तर बजाकर सुअरों को भगा रही हैं।
मडुवा, झंगोरा ज्वार और बाजरा की फसल को दिन में बंदर नुकसान पहुंचा रहे हैं जबकि रात में सुअर फसलों को खोद जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनी ब्लाक स्थित छिनका ग्राम पंचायत के महिला मंगलदल ने फसलों की रखवाली का बीड़ा उठाया है। महिला मंगलदल की अध्यक्ष कोमल गुसाई व आशा कार्यकर्ता सरिता नेगी गांव की महिलाओं के साथ जंगली जानवरों को भगाने के लिए हल्लाबोल अभियान चला रही हैं। रात को महिलाएं मशाल, कनस्तर, शंख बजाकर सुअरों से सफलों की रखवाली कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि दिन में बंदर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं तो रात को जंगली सुअर।
ऑर्गेनिक फूड और परंपरागत अनाज की बाजार में डिमांड बढ़ रही है। उत्तराखंड के गांवों में जिन फसलों की खेती नाममात्र की हो रही थी या फिर किसानों ने इन फसलों से मुंह मोड़ लिया था। दोबारा अब मडुवा, झंगोरा, ज्वार, बाजारा की खेती कर रहे हैं। मगर जंगली जानवरों से फसलों को बचाना चुनौती बना है।


