नई दिल्ली। जाने माने वैद्य डॉ. जयंतदेव पुजारी कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी से भेंट की और भारतीय ज्ञान परम्परा को और अधिक कैसे संबद्र्धित किया जाय इस पर चर्चा भी की। मालूम हो कि इस दिशा में सीएसयू दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी के नेतृत्व में इससे संबंधित विभाग से पूर्व में एक मेमोरेंडम और अंडर स्टैंडिंग भी हुआ है। कुलपति प्रो वरखेड़ी ने इस बात पर जोर देते यह भी कहा कि आज वैश्विक स्तर पर चिन्तन मनन करने समय आ गया है जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा के माध्यम से बहुआयामी भाषा तथा शास्त्र विषयक विमर्शों के लिए भारतीय विश्वविद्यालय तथा अन्य शोध संस्थाएं आपस में मिल कर गुणवत्ता पूर्ण तथा लोकहित परक अनुसन्धानों को और अधिक कैसे उन्नयनी बनाया जा सके । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (एनसीआईएसएम) की लोकहित विशेष कर स्वास्थ्य उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अध्यक्ष वैद्य डा देवपुजारी ने भी कहा कि एनसीआईएसएम की शोधोन्मुखी सामग्री संस्कृत में पर्याप्त है और सीएसयू जिसे संस्कृत के प्रसार प्रचार तथा अनेक शोधोन्मुखी कार्यों के लिए देश के पारम्परिक संस्कृत विश्वविद्यालयों में देश में सर्वश्रेष्ठ अंक ।।़ ग्रेड दिया गया है। अत: इस विश्वविद्यालय से भी मिल कर शोध की संभावना और अधिक बढ़ गयी है। इस अवसर पर वैद्य डॉ देवपुजारी ने कुलपति प्रो वरखेड़ी को अपनी संपादित ‘गन्ध शास्त्र’ भेंट की।

