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उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस: बड़े संघर्षो के बाद मिला राज्य

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प्रताप सिंह नेगी

उत्तराखण्ड आज अपना 2४वां स्थापना दिवस मना रहा है। राज्य को बने हुए आज 23 वर्ष पूरे हो चुके हैं। 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड भारत के 27वें राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश से अलग हुआ। उस समय इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। उत्तराखंड के सीमावर्ती राज्य तिब्बत, नेपाल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश है। उत्तराखंड का अर्थ संस्कृत की बोली से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘उत्तरी शहर’। वर्ष 2007 में आधिकारिक तौर पर इसका नाम बदलकर उत्तरांचल से उत्तराखंड कर दिया गया।

राज्य स्थापना दिवस हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। तीन नवंबर से नौ नवंबर तक उतराखड अलग-अलग जगहों पर बड़ी हर्षोल्लास के साथ राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। उत्तराखंड प्रथक राज्य के लिए उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों से महिलाओं व युवाओं व बुजुर्गो कई आंदोलनकारी लोगों ने 28साल तक संघर्ष किया, कई बार दिल्ली जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन किए गए। राज्य आंदोलन के दौरान एक सितम्बर सन् 1994 को खटीमा में आंदोलनकारियों को प्रथक राज्य की मांग के दौरान लाठियां और गोलियां खानी पड़ी। तत्कालीन यूपी सरकार ने तब बड़ी बर्बरता के साथ उत्तराखड आंदोलनकारियों का दमन किया था। इस आंदोन में कई निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 2सितबर को इन शहीदों के आक्रोश में मंसूरी में आंदोलन कारियों ने यूपी तत्कालीन सरकार के खिलाफ लाठीचार्ज व बिना बताए गोलियां चलाई जाने पर आंदोलन किया इसमें लोग शहीद हुए। फिर उत्तराखड के पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गो महिलाओं ने आंदोलन कारियों के साथ 2 अकटूवर दिल्ली जंतर-मंतर में उत्तराखंड प्रथक राज्य के लिए हजारों की संख्या बसो में रवना हुए। लेकिन 1अक्टूबर की रात्रि को मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा पर कुमाऊं व गढ़वाल के बसों में जा रहे लोगों के लिए अत्याचार कर महिलाओं के साथ अभ्रद व्यवहार किया गया और आंदोलनकारियों पर पत्थर बाजी व लाठी गोलियां चलाई गई, जिसमें सैकड़ों आंदोलनकारी घायल हुए और कई लोग शहीद हुए।

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खटीमा, मंसूरी, मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड के बाद उतराखड के पर्वतीय क्षेत्रों के महिलाओं व बुजुर्गो व भूतपूर्व सैनिकों में आक्रोश इतना बड़ गया कि दिल्ली जंतर-मंतर में उत्तराखंड प्रथक राज्य के अनिश्चितकालीनक़ालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे रहे। वहीं से तत्कालीन केन्द्र सरकार को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए चेतावनी भी देते रहे। इतने संघर्षो के बाद अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने वर्ष 2000 मे यूपी से अलग राज्य की स्थापना की जिसका नाम उतरांचल रखा गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का उत्तराखण्ड से बहुत लगाव था उन्होंने अपने शासनकाल में उतरांचल राज्य की स्थापना की बाद सन 2007 में इसे उतराखड का नाम दिया गया जो आज उत्तराखंड नाम से जाना जाता है।

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