नई दिल्ली। केन्द्र्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ïली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी को संस्कृत विद्या के संबर्धन तथा उन्नयन के लिए उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार की ओर से डी लिट की मानद उपाधि दी जाएगी। कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र शास्त्री ने बताया कि यह अनुशंसा विद्वत् समिति के निर्णय को इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम गुरमीत सिंह के अनुशंसा पर लिया गया है।
मालूम हो कि प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने कुलपति, निदेशक, डीन तथा अनेक प्राशासनिक पदों पर रहते हुए संस्कृत विद्या को एक नवोन्मेषी तथा दूरदर्शी चतुर्दिक उन्नयन को एक भविष्योन्मुखी ऊंचाई पर पहुंचाया है। साथ ही संस्कृत अध्ययन तथा अध्यापन की समन्वित धाराओं से संस्कृत भाषा तथा साहित्य के बहुमुखी विकास का अवसर भी प्रशस्त किया है। उनके संस्कृत से जुड़े संगणकीय युगीन ज्ञान होने के कारण संस्कृत और अधिक वैश्विक क्षितिज की ओर अग्रसर है। संस्कृत (नेट) रामायण तथा वेद को लेकर संगणकीय इंजन बना कर इन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा (आईकेएस) के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भारतीय दर्शन विशेष कर द्वैत विद्या के शोध के क्षेत्रों को नया आयाम दिया है। कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी जी ने इस मानद उपाधि की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते धन्यवाद किया है।

