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पहाड़ों में बनेगी टनल पार्किंग, भूस्खलन की समस्या का भी होगा समाधान

Report ring desk

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गए। सरकार पर्वतीय इलाकों के पर्यटन स्थलों के पास टनल पार्किंग का निर्माण कराएगी। प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को इसकी मंजूरी देते हुए इसके लिए तीन कार्यदायी संस्थाएं नामित की हैं। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की समस्या के समाधान के लिए देहरादून में एक केंद्र स्थापित करने के लिए उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटीगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर की नियमावली को मंजूरी दे दी ।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट में कुल 36 प्रस्ताव आए। इनमें से 35 को मंजूरी दी गई। एक प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन सीजन, चारधाम यात्रा जैसे मौकों पर पार्किंग की समस्या पहाड़ में सबसे चुनौतीपूर्ण है।

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने प्रदेशभर में करीब 180 पार्किंग स्थल चिह्नित किए हैं। इनमें ऐसे स्थल हैं, जहां जल विद्युत परियोजनाओं की तर्ज पर पहाड़ के भीतर टनल बनाई जा सकती है। इसके लिए सरकार ने टिहरी बांध बनाने वाली टीएचडीसी, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन में टनल बनाने वाली रेलवे विकास निगम लिमिटेड और उत्तराखंड के बांधों में टनल बनाने वाले यूजेवीएनएल को कार्यदायी संस्था नामित किया है।

देहरादून में उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटीगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में इस सेंटर की नियमावली को मंजूरी दे दी गई। इस सेंटर में डायरेक्टर जनरल से लेकर पूरे स्टाफ के कुल 75 पद स्वीकृत किए गए हैं।

प्रदेशभर में अभी तक तमाम निकायों, ग्राम पंचायतों ने मोबाइल टावर स्थापना के अलग नियम व अलग.अलग शुल्क तय किए हुए हैं। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक समान शुल्क की व्यवस्था की है, जिसे बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकार कर लिया गया। अब प्राधिकरण क्षेत्रों में मोबाइल टावर स्थापना का शुल्क 50 हजार, नगर पंचायतों में 25 हजार, मैदानी क्षेत्रों में दस हजार और पर्वतीय क्षेत्रों में महज पांच हजार रुपये होगा।

केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान बनाने वाली फर्म को सोनप्रयाग में भी मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अलावा तय किया गया कि बदरीनाथ केदारनाथ में कार्य करने वाली पीएमसी का यूटीडीवी के साथ एग्रीमेंट था। अब यूटीडीवी के बजाय बदरीनाथ केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट होगा। साथ ही केदारनाथ बदरीनाथ में नए मास्टर प्लान के तहत कंसलटेंसी शुल्क तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने को मंजूरी दी गई।

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