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संस्कृत के बल पर ही देश पुन: विश्वगुरु गुरु बनेगा:स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी

Report ring Desk
नई दिल्ली। स्वामी करपात्री धर्म संघ वाराणसी के संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि देश संस्कृत से ही संस्कृति की ओर अग्रसर हुआ है और संस्कृत के बल पर ही देश पुन: विश्वगुरु गुरु बनेगा। स्वामी जी कहा कि प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी जैसे संस्कृत तथा संस्कृति के संरक्षक को भारत सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलपति बना कर जो विश्वास जताया है, वह बहुत ही सम्मान की बात है। संस्कृत तथा संस्कृति के रक्षक ही राम राज्य ला सकते हैं। उन्होंने यह बात उच्चतर शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन तथा कुलपति प्रो वरखेड़ी की अध्यक्षता में मनाये जा रहे संस्कृत सप्ताह के उदï्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में कही।

इस अवसर पर युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक तथा भारतीय परंपरा के पोषक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि संस्कृत भारत की सांस्कृतिक पहचान है। संस्कृत के उन्नयन के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बड़ा ही प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है। आज भारत सरकार संस्कृत के साथ साथ संस्कृति और पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दे रही है जो आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर एक बहुत बड़ा कदम माना जाना चाहिए ।

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कुलपति प्रो. वरखेड़ी ने अपने अध्यक्षीय उदï्बोधन में कहा कि संस्कृत जीवन प्रबंधन के लिए प्राण है और यह भाषा भारत के मूल में समायी हुई है। उनका कहना था कि संस्कृत धर्म की भाषा इसलिए है कि इससे वाणी, वाक्य मन तथा चित्त की शुद्धि होती है। इससे मनुष्य का समग्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इसलिए संस्कृत को व्यवहार की भाषा में लाने की आवश्यकता है।आने वाले समय में संस्कृत दुनिया के लिए फैशन की भाषा होगी क्योंकि संस्कृत फ्यूचर की भाषा है।

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