रुद्रप्रयाग। बाल विकास विभाग को जनपद के एक गांव में नाबालिग लडक़े की शादी की सूचना मिली तो विभाग की टीम तत्काल हरकत में आई और मौके पर पहुंचकर नाबालिग की सगाई की रस्म रुकवा दी। नाबालिग लडक़ा विवाह की जिद पर अड़ा रहा लेकिन टीम की समझाइश के बाद परिजनों ने सगाई टाल दी।
बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि जिले के एक गांव में 17 वर्षीय नाबालिग लडक़े का विवाह निकटवर्ती गांव की युवती से तय किया गया है और इसी सप्ताह सगाई की तैयारी है। सूचना पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्र के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर सुरेंद्र सिंह और केस वर्कर अखिलेश सिंह की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने परिजनों को समझाया कि बाल विवाह एक गंभीर अपराध है, जिसके तहत दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं। टीम ने नाबालिग को भी समझाया लेकिन वह युवती से विवाह की जिद करता रहा।
विभाग की टीम ने परिवार को हाल ही में लागू हुई समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जानकारी दी और बताया कि अब विवाह का पंजीकरण अनिवार्य हो गया है और नाबालिग का विवाह पंजीकृत नहीं किया जा सकता। यदि जबरन विवाह किया गया, तो कानूनी कार्रवाई तय है। इस पर परिजनों से शादी टाल दी।


