By Suresh Agrawal
केसिंगा।लगता है कि प्रशासन द्वारा लम्बे समय से लचर शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने अब पूरी तरह क़मर कस ली गयी है। इस बात का संकेत सोमवार को नगरपालिका सभागृह में आयोजित पुलिस-पालिका संयुक्त समन्वय बैठक में स्पष्ट तौर पर देखने को मिला। पालिका प्रशासक सिध्दार्थ पटनायक के नेतृत्व में लगातार तीन घण्टे मैराथन चली उक्त बैठक में स्वयं केसिंगा पुलिस मण्डल अधिकारी (एसडीपीओ) एस.सुश्री (भापुसे) तथा तहसीलदार गंडाराम खमारी का उपस्थित होना यह दर्शाता है कि इस बार मामले को कितना शिद्दत से लिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि लगभग दो दशक से छोटे-बड़े वाहनों की बढ़ती तादाद तथा जनसंख्या के दबाव के चलते शहर के बीचों-बीच जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 26 पर यातायात व्यस्था इतना बेतरतीब हो चुकी थी कि नागरिकों का पैदल चलना भी दूभर हो गया था। सूचना माध्यमों द्वारा बारम्बार समस्या की ओर ध्यानाकृष्ट किये जाने के बाद प्रशासन अब हरक़त में आया है और पहली बार लगता है कि स्थिति को सुधारने वह निश्चित तौर पर ठोस कदम उठायेगा।
बैठक में समस्या पर विचार-मंथन करने तमाम मीडिया प्रतिनिधियों, संभागीय अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग अरुण पाण्डे, चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज़ केसिंगा अध्यक्ष अनिल कुमार जैन, कालाहाण्डी ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन उपाध्यक्ष संतोष दाश, उत्कल ट्रक एसोसिएशन अध्यक्ष आनन्द अग्रवाल, बस मालिक संघ के सूर्यकान्त दास, सब्जी एवं फल विक्रेता संघ के प्रतिनिधि, दैनिक बाज़ार ठेकेदार बुडू साहू सहित तमाम सम्बध्द लोगों को आमंत्रित किया गया था। जहाँ गहन विचार-विमर्श के बाद व्यवस्था सुधारने फ़ौरी तौर पर उठाये जाने वाले कदमों की घोषणा की गयी, वहीं नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ़ अर्थ-दण्ड सहित सख़्त क़ानूनी कार्रवाई किये जाने की बात भी कही गयी। इस मौके पर बोलते हुये एसडीपीओ एस.सुश्री ने कहा कि सामुदायिक सहयोग के बिना पुलिस अथवा प्रशासन के लिये किसी भी समस्या से निपटना नामुमकिन है, अतः ट्रैफ़िक समस्या समाधान हेतु जन-सहभागिता ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि -फल-सब्जी, व्यपारी, ट्रक, बस आदि संचालन से जुड़े प्रतिनिधि प्रशासन के अलावा अपने स्तर पर भी समस्या समाधान का प्रयास करें, तो निश्चित तौर पर एक आदर्श स्थिति बन सकती है। इसी प्रकार पालिका प्रशासक पटनायक द्वारा भी कहा गया कि -किसी का उच्छेद करना हमारा उद्देश्य नहीं, अपितु हम तो गरिमापूर्ण ढ़ंग से नागरिकों को आजीविका चलाने स्थायी संसाधन जुटाना चाहते हैं।
बहरहाल, बैठक में उठाये जाने वाले कदमों में राष्ट्रीय राजमार्ग को निर्बाध बनाने उसके किनारे बैठने वाले सब्जी विक्रेताओं को दैनिक बाज़ार में निर्धारित स्थान पर बैठाने, फल विक्रेताओं को विद्यापीठ चहारदीवारी के बाहर, कुछ अस्थायी खोमचा वालों को राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय के बाड़े के पास, ऑटो-रिक्शा के लिये एचडीएफसी बैंक के समक्ष, पिक-आप वैन आदि हल्के वाहनों के लिये अम्बाजी मन्दिर के समीप स्थान दिया जाना शामिल हैं। अब से किसी भी दुकानदार को दुकान से बाहर सामान फैलाने की अनुमति नहीं होगी और न ही कोई राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पसरा लगा पायेगा। ट्रकों को नगरपालिका अधिसूचित क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कहीं भी खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी। पशु चिकित्सालय के पास स्थित बस-स्टॉप पर बसों में यात्रियों के सामान को छोड़, अन्य तमाम चीजें केवल बस-स्टैण्ड से ही चढ़ाना होगा। मांस-मछली आदि की दुकानों का शहर में राजमार्ग, मन्दिर अथवा शिक्षण संस्थाओं के समीप लगाना वर्जित होगा, वहीं उनके लिये स्लॉटर हाउस का स्थान भी निर्धारित किया गया है। सड़क पर आवारा पशु-मालिकों पर भी ज़ुर्माना लगाया जायेगा तथा यातायात को सुचारू बनाये रखने नागरिक-प्रशासनिक सदस्यों की एक संयुक्त निगरानी समिति गठित किये जाने का निर्णय भी लिया गया है।