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आंगनबाड़ी के लिए तरसे गौनाप के बच्चे, गांव में न तो आंगनबाड़ी है और न ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

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बाल विकास सेवा योजना के लाभ से वंचित हैं बच्चे

अल्मोड़ा। भैसियाछाना विकास खंड की बबुरियानायल ग्राम पंचायत के गौनाप गाँव के बच्चों को न तो आंगनबाड़ी की शिक्षा मिल रही है और न ही उन्हें कोई पोषण ही मिलता है। गौनाप में 6 साल से कम उम्र के 6 बच्चे हैं, लेकिन यहां न तो आंगनबाड़ी है और न ही इन्हें पढ़ाने के लिए कोई आगनबाड़ी कार्यकर्ता है। ग्रामसभा बबुरियानायल के अंतर्गत तीन राजस्व ग्राम आते हैं- बबुरियानायल, बिटुलिया और गौनाप। इनमें गौनाप गाँव सबसे दुर्गम क्षेत्र में है, जो ग्राम बिटुलिया से 4 किमी और ग्राम बबुरियानायल से 7 किमी की दूरी पर है। यह क्षेत्र बिनसर वन्यजीव विहार के घने जंगल से घिरा हुआ है।

भारत सरकार की समेकित बाल विकास सेवा योजना के तहत 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं दी जाती हैं। इस योजना के तहत पूरक पोषण, पूर्व प्राथमिक शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जाँच, पोषण जागरूकता और किशोरी सशक्तिकरण की सुविधाएँ मिलती हैं। लेकिन गौनाप गाँव के बच्चों को ये सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

स्थानीय निवासी पूजा बोहरा का कहना है कि हमारे बच्चों के लिए न तो कोई आंगनबाड़ी केंद्र है और न ही कोई आंगनबाड़ी कार्यकत्रा ही यहां पर है। पूजा कहती हैं कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चे को भेजती हूँ, तो शिक्षक कहते हैं कि 6 साल से पहले प्रवेश नहीं होगा। मजबूरी में अब पलायन कर शहर में बच्चे का दाखिला कराना पड़ रहा है।

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ग्राम प्रधान बबुरियानायल का कहना है कि उन्होंने बीटीसी बैठक में सीडीओ और सीडीपीओ के सामने यह मुद्दा उठाया। सीडीपीओ ने गांव का दौरा करने का आश्वास भी दिया। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद किसी भी अधिकारी ने दौरा नहीं किया। लिखित और मौखिक रूप से कई बार कहा लेकिन आज तक इस मामले में कुछ नहीं हो पाया।

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