विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने हर्ड इम्यूनिटी का इंतजार करने या उससे वायरस पर काबू पाने जैसे दावों के खिलाफ चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम का कार्यकारी निदेशक माइक रयान के मुताबिक अब तक हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने के लिए कोई भी आवश्यक स्तर के बारे में नहीं जानता है।
By Anil Azad pandey, Beijing
कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में आतंक मचा रखा है। वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे कई देशों में लगातार संक्रमण और मौत के मामले सामने आ रहे हैं। अब तक विश्व में 2 करोड़ बीस लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मरने वालों की तादाद 7 लाख 72 हज़ार से अधिक हो गयी है। वायरस की दहशत के बीच कुछ विशेषज्ञों ने हर्ड इम्यूनिटी की बात की। जिससे लगा कि शायद पहले वायरस को फैलने दीजिए और इस तरह लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाएगी। पहले की रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हर्ड इम्यूनिटी के लिए कम से कम 70 फीसदी लोग वायरस से प्रभावित होने चाहिए। हालांकि अब कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि 50 फीसदी में भी हर्ड इम्यूनिटी वाले चरण में पहुंचा जा सकता है।
![हर्ड इम्यूनिटी के सहारे नहीं हो सकता कोविड-19 से मुकाबला 7 Hosting sale](https://devbhoomidarshan.in/wp-content/uploads/2025/01/280120250645.avif)
लेकिन विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने हर्ड इम्यूनिटी का इंतजार करने या उससे वायरस पर काबू पाने जैसे दावों के खिलाफ चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइक रयान के मुताबिक अब तक हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने के लिए कोई भी आवश्यक स्तर के बारे में नहीं जानता है।
मीडिया के साथ ऑनलाइन बातचीत में उन्होंने कहा, अभी हम उस जगह पहुंचने से बहुत दूर हैं और जब तक प्रभावी वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक राह आसान नहीं होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि वैश्विक आबादी के रूप में अभी हम इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक प्रतिरक्षा के स्तर के बिल्कुल भी नजदीक नहीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस दावे के बाद हर्ड इम्यूनिटी की आस लगाए बैठे लोगों को मायूस होना पड़ेगा। क्योंकि हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने में काफी वक्त लग सकता है, तब तक न जाने कितने लोग अपनी जान गंवा चुके होंगे।
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स अख़बार को दिए इंटरव्यू में कई वैज्ञानिकों ने दावा किया कि हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने की सीमा 70 फीसदी से बहुत कम होने की संभावना है। कहा गया है कि 50 फीसदी या शायद उससे भी कम।
उधर कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि जब लोग हर्ड इम्यूनिटी के बारे में बात करते हैं, तो इसका मतलब है कि वैक्सीन का उपयोग करना। वहीं कितने लोगों को टीके लगाने की जरूरत होगी ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके, यह भी अहम बात होगी।
![हर्ड इम्यूनिटी के सहारे नहीं हो सकता कोविड-19 से मुकाबला 9 Follow us on Google News](http://reportring.com/wp-content/uploads/2024/02/google-news-icons.png)
![हर्ड इम्यूनिटी के सहारे नहीं हो सकता कोविड-19 से मुकाबला 10 Follow us on WhatsApp Channel](https://reportring.com/wp-content/uploads/2024/06/whatsapp-channel-icon.png)