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चीन-भारत मीडिया आदान-प्रदान पर चर्चा, कौंसल जनरल से मुलाक़ात

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Anil Azad Pandey, Beijing
चीन और भारत के संबंधों में हाल के दिनों में सुधार देखने में आया है। उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा। विशेषकर इस साल चीन और भारत के बीच राजनयिक रिश्ते स्थापित होने की 75वीं वर्षगांठ है। इस दौरान चीन में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अनिल पांडेय ने हाल में शांगहाई स्थित कौंसल जनरल प्रतीक माथुर के साथ खास मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान चीन में मीडिया की स्थिति और हो रहे बदलावों पर चर्चा की गयी। साथ ही चीनी और भारतीय मीडिया के बीच सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने पर बात हुई। चीन में लगभग डेढ़ दशक से रह रहे अनिल पांडेय ने कौंसल जनरल को बताया कि चीन किस तरह खुलेपन पर जोर दे रहा है। जिसके कारण विदेशी कंपनियों और निवेशकों की चीन में रुचि बढ़ रही है। क्योंकि विदेशी निवेशकों को चीन में अच्छा माहौल मिल रहा है, ऐसे में वे यहां निवेश बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।

जबकि चीन में रहने वाले भारतीय भी सुरक्षित महसूस करते हैं। बिजनेस करने वाले भारतीयों के साथ चीन सरकार व एजेंसियों द्वारा अच्छा व्यवहार किया जाता है। हाल के दिनों में चीन आने वाले भारतीयों की संख्या में इजाफा देखा गया है। जिससे चीन के खुले वातावरण का अहसास होता है। इसके साथ ही चीन में रहना बेहद सुविधाजनक और सुरक्षित है। दिन हो या रात कभी भी और किसी भी वक्त आप बिना किसी डर के इधर-उधर जा सकते हैं। यही वजह है कि यहां हम लोग इतने वर्षों से आसानी से रह रहे हैं। कौंसुल जनरल भी कहते हैं कि चीन बेहद सुरक्षित देश है, यहां के लोग विदेशियों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखते हैं। इस दौरान भारतीय दूतावास और कांसुलेट चीन में रहने वाले भारतीयों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। उन्हें पेश आने वाली दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं। साथ ही भारत से ताल्लुक रखने वाली चीनी कंपनियों और बिजनेस प्रतिनिधियों से भी चर्चा कर रहे हैं।

जैसा कि हम जानते हैं कि चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। हाल के दिनों दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ अन्य प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई है। खासतौर पर रूस के कज़ान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई वार्ता के बाद स्थिति में सुधार देखने में आया है। सीमा मुद्दे पर भी दोनों देश सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि एशिया की इन दो पड़ोसी शक्तियों के बीच संबंध बेहतर होंगे।

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