Report ring desk
हल्द्वानी। आदमखोर बाघिन का तीन महीने बीतने के बाद भी पता नहीं चल पाया है। उसकी तलाश में अभियान जारी है। गुजरात के जामनगर से पहुंची टीम के वापस लौटने की वजह से फतेहपुर रेंज के जंगल में हमलावर बाघ और एक संदिग्ध बाघिन को खोजने की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से वन विभाग की स्थानीय टीम पर आ चुकी है।
कार्बेट पार्क, नैनीताल चिडिय़ाघर और पश्चिमी वन वृत्त के चिकित्सक भी जुटे हैं। वहीं, कार्बेट से पहुंचे शिवगंगे और गजराज नामक हाथी से महकमे को काफी उम्मीद है। ये दोनों हाथी पहाड़ी क्षेत्र में भी चढ़ जा रहे हैं। महावत के माहिर होने की वजह से ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही। दो शिफ्ट में तीन हाथियों को जंगल में घुमाया जा रहा है। जंगल में लगे मचानों के आसपास बाघ के नजर नहीं आने से हाथियों पर निर्भरता बढ़ गई है।
फतेहपुर रेंज में दिसंबर से मार्च तक छह लोगों की हमले में जान चली गई थी। पांच अप्रैल को जामनगर से तीस सदस्यीय ट्रैंकुलाइज टीम यहां पहुंची थी। एक महीने तक इन्होंने वन विभाग के साथ मिलकर आपरेशन को लीड किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिलहाल टीम वापस लौट चुकी है।