देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार कामगार महिलाओं को उद्योग फैक्ट्रियों में नाइट शिफ्ट में काम करने की छूट देने की तैयारी कर रही है जिसके लिए उद्योग- फैक्ट्री की सेवा नियमावलियों में संशोधन की तैयारी चल रही है। इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन महिलाओं को रात्रिकालीन ड्यूटी पर बुला सकता है, लेकन उनकी सुरक्षा के लिए उसे इंतजाम करने होंगे। मालूम हो कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में महिलाओं को संगठित क्षेत्र में नाइट शिफ्ट में काम करने की छूट है, लेकिन उद्योग फैक्ट्रियों में महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम नहीं कर सकतीं। नाइट शिफ्ट में महिला स्टाफ न होने की वजह से उद्योग फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन कार्य प्रभावित हो जाता है। इस वजह से उद्यमी भी फैक्ट्री कानूनों में बदलावों की पैरवी कर रहे थे। अब सरकार ने उद्योग- फैक्ट्री की सेवा नियमावलियों में संशोधन करने का मन बना लिया है। इसके लिए उद्योग फैक्ट्रियों के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। नई शर्तों के मुताबिक संबंधित फैक्ट्री के कुल स्टाफ का 20 प्रतिशत महिला कर्मी होने चाहिए। महिला कर्मी को उसके घर से कार्यालय जाने और वापस घर तक पहुंचने के लिए वाहन सुविधा होनी चाहिए। साथ ही वाहन में पैनिक बटन और महिला सुरक्षा कर्मी होना अनिवार्य होगा। महिला के कार्य के स्थान पर पर्याप्त रोशनी, सुरक्षा और सीसीटीवी होने जरूरी हैं।

