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देहरादून। रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा का चालान काटने वाले दारोगा नीरज कठैत का तबादला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष और जन संगठनों ने सरकार और पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि राजनीतिक दखल से पुलिस का मनोबल गिरेगा।
दूसरी तरफ, बताया जा रहा है कि दारोगा की ओर से इस मामले में दिया गया बयान इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर पुलिस अधिकारियों ने नाराजगी भी जताई थी। उन्हें हटाए जाने की एक वजह इस वीडियो व बयान को भी माना जा रहा है। विधायक ने दारोगा के विरुद्ध जांच की मांग की है। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोबाल को सौंपी गई है। हालांकि पुलिस विभाग बता रहा है कि दारोगा को मसूरी में तीन साल हो चुके थे। इसी कारण नियमावली के आधार पर उनका तबादला कालसी किया गया।
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहते हैं कि पुलिस के लिए खास और आम सब बराबर होने चाहिए। मसूरी में दारोगा ने मास्क नहीं पहनने पर विधायक प्रदीप बत्रा का चालान काटा, जोकि नियमानुसार सही था। विधायक ने सरकार का रौब दिखाकर दारोगा का तबादला करा दिया, जो सरासर गलत है। उधर दारोगा का तबादला किए जाने के विरोध में गुरुवार को मसूरी में कई संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया।