अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड के पहाड़ी गांवों में रहने वाले लोग आए दिन जंगली जानवरों के हमलों का शिकार बन रहे हैं। हर रोज लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। लोग कभी तेंदुओं-गुलदारों के शिकार बन रहे हैं तो कभी भालुओं के। अल्मोड़ा के चौखुटिया में भी गुरुवार आधी रात शौंच के लिए घर से बाहर निकले चंदन राम पर घात लगाए बैठे गुलदार ने हमला बोल दिया। लेकिन तभी उनकी बेटी दौडक़र आ गई और साहस दिखाते हुए गुलदार से भिड़ गई। बेटी के साहस के आगे गुलदार ने हार मानकर जबड़े में जकड़े पिता को छोड़ दिया और जंगल की ओर भाग गया। गुलदार के हमले से चंदन राम के गर्दन, सिर और चेहरे पर गहरे घाव हो गए हैं। अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। चंदन राम की साहसी बेटी की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं जिसकी बदौलत उनकी जान बच सकी।
मिली जानकारी के मुताबिक चौखुटिया के रतनपुर में किराए के मकान में रह रहे 61 वर्षीय चंदन राम गुरुवार आधी रात को शौंच के लिए कमरे से बाहर निकले ही थे कि पहले से घात लगाए गुलदार ने उन पर हमला बोल दिया और जबड़े में दबाकर सीढिय़ों से घसीटते हुए ले जाने लगा। तभी चंदन राम की 24 वर्षीय बेटी गीता घर के अंदर से दौडक़र आई और गुलदार से भिड़ गई। गीता के शोर मचाने और हमला करने पर गुलदार अपने जबड़े में जकड़े पिता को छोडक़र जंगल की ओर भाग गया और किसी तरह से चंदन राम की जान बच गई। लेकिन उनकी गर्दन, सिर और चेहरे पर गहरे घाव बन गए हैं। चंदन राम का अल्मोड़ा के बेस अस्पताल उपचार चल रहा है। यदि चंदन राम की बेटी ने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ सकती थी।







Leave a Comment