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चीन के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां, बच्चों को जागरूक बनाने पर ज़ोर

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By Anil Pandey, Beijing

चीन में आजकल स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां हो रही हैं। यह ऐसा समय होता है जब चीन के बच्चे अपने परिजनों के साथ घूमने-फिरने के अलावा अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। वैसे इस दौरान इन नौनिहालों को स्कूल जाने और सुबह जल्दी उठने की चिंता नहीं होती। हालांकि यह वक्त उनके लिए कुछ न कुछ सीखने का भी होता है। इसे देखते हुए इस बार चीनी बच्चों के लिए अपने देश की परंपरा और क्रांतिकारी संस्कृति को सीखने का भी अवसर होगा। बताया जाता है कि इस संबंध में एक नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि ग्रासरूट स्तर के अधिकारी और स्वयंसेवक गर्मी की छुट्टियों के दौरान बच्चों की देखभाल करने में उनके परिवारों की मदद करें। एक तरह से उन्हें प्रोत्साहित किया गया है कि वे बच्चों और परिवारों को कुछ सिखा सकते हैं।

यहां बता दें कि चीन में बच्चों के स्कूलों में लगभग दो महीने की छुट्टियां होती हैं। इस अवधि में आमतौर पर बच्चों के परिजन उन्हें विभिन्न जगहों में घुमाने ले जाते हैं या फिर वे कुछ स्पोर्ट्सर्ट्स व अन्य एक्टिविटीज़ में शामिल कराते हैं। इस बार विभिन्न विभागों की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक सामुदायिक कार्यकर्ताओं, महिला व बाल कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को जरूरतमंद बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहायता, शैक्षणिक मार्गदर्शन, कानूनी परामर्श आदि प्रदान करने के प्रोत्साहित किया गया है। इसमें ज़ोर देकर कहा गया है कि बच्चों को पारंपरिक और क्रांतिकारी संस्कृति सीखने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा। इसके संबंध में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा।

साथ ही पानी में डूबने से बचने, अपहरण और यौन उत्पीड़न विरोधी अभियान चलाए जाएंगे। ताकि बच्चों में आत्मविश्वास जगाया जा सके और वे सुरक्षा के प्रति जागरूक भी बनें। वहीं छुट्टियों में इंटरनेट व ऑनलाइन समय बिताना कम करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। क्योंकि चीन में आजकल मोटापे और आंखों की समस्या बच्चों में आम बात है। इस बारे में बच्चों व उनके मां-बाप को जागरूक किया जाएगा। साथ ही उन्हें अधिक से अधिक खेल और सांस्कृतिक गतिवधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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गौरतलब है कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए उचित लोगों को ढूंढना और उन्हें सही तरीके की गतिविधियों में व्यस्त रखना परिजनों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन इस साल तमाम परिजनों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। क्योंकि इस बार विभिन्न स्वंयसेवक व संबंधित विभाग बच्चों को प्रेरक और नैतिक शिक्षा संबंधी कहानियां सुनाने के लिए रोल मॉडलों को बुलाएंगे। ताकि बच्चों में अच्छी आदतों और अच्छे गुणों का विकास किया जा सके। जबकि परिजनों को बच्चों के सही ढंग से पालन-पोषण के बारे में क्लास दी जाएंगी। उन्हें मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत करने के लिए संबंधित सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।

(रिपोर्ट रिंग के लिए बीजिंग से अनिल पांडेय की रिपोर्ट)

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