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सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की समस्या ना सुलझने से आक्रोशित युवाओं ने किया प्रदर्शन

Report Ring Desk

पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ के निराड़ा ऐंचोली क्षेत्र में निर्मित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट एस टी पी से होने वाले अत्यधिक व हरवक्त बने रहने वाले शोर के चलते क्षेत्रवासियों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को विगत कई माहों से ज़िला प्रशासन के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद समस्या के निराकरण की दिशा में कोई कार्यवाही ना होने से क्षेत्र के आक्रोशित युवाओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रदर्शन किया व जमकर नारेबाज़ी की।

इससे पूर्व एक बार पुनः ज़िला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए युवाओं ने कहा कि ज़िला प्रशासन का बार बार इस मुद्दे पर ध्यानकर्षित किए जाने के बावजूद समस्या के निराकरण की दिशा में क़दम ना उठाए जाने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है। अगर आगामी सप्ताहों में इस दिशा में कोई ठोस क़दम नहीं उठाया जाता तो क्षेत्र की महिलाशक्ति युवाशक्ति समेत सभी वर्ग आंदोलन हेतु मजबूर होंगे।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए महेंद्र रावत ने कहा कि संयंत्र से निकलने वाला शोर हरदम बना रहता है और इस अत्यधिक शोर के चलते क्षेत्र के निवासियों के लिए रोज़मर्रा के कार्य करना भी दूभर हो जा रहा है और रहवासियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। ज़िला प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारी ने नवंबर माह में दौरा करने के पश्चात इस बात को स्वीकारा भी गया था और प्रशासन द्वारा शीघ्र कार्यवाही करने की बात कही गयी थी। लेकिन तीन माह बीत जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस अवधि में क्षेत्रवासियों द्वारा ज्ञापन देकर ज़िला प्रशासन को पुनः इस बाबत संज्ञान लेने को भी कहा गया। अब क्षेत्रवासियों में ज़िला प्रशासन के इस अक्षम रवैय्ये को लेकर बहुत आक्रोश व्याप्त है।

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लक्ष्मण नयाल ने कहा कि इसके चलते पैदा हो रही परेशानी दिन प्रतिदिन अत्यधिक गंभीर होते जा रही है। लोगों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विशेषकर बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह बेहद हनिकारिक साबित हो रहा है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में यह ध्वनि प्रदूषण बाधा बन रहा है। बुज़ुर्गों व बच्चों का प्राकृतिक नींद चक्र स्लीप साइकल के बुरी तरह से प्रभावित होने के चलते उनके स्वास्थ्य को हो रही हानि के दूरगामी परिणाम नज़र आने लगे हैं। अगर प्रशासन का रवैय्या ऐसा ही रहता है तो हमें इस माँग को लेकर मजबूरन आंदोलन का रास्ता लेना पड़ेगा।

रंजन भट्ट ने कहा कि ऐसे समय में जब वर्क फ़्रोम होम को बढ़ावा दिया जा रहा है तब हमारे क्षेत्र में इस शोर के चलते घरों में रहना ही मुश्किल होता जा रहा है।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैय्यारी कर रहे रोहित ने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते बरती जा रही सतर्कता के परिणामस्वरूप जब क्षेत्रवासी अपना अधिकांश समय घरों में ही बिता रहे हैं। तब इस अत्यधिक शोर से हो रही परेशानी और उससे उपजने वाली समस्याएँ विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन कक्षा में भाग लेना और श्रवण समस्या हियरिंग प्रॉब्लम से जूझ रहे बुज़ुर्गों का जीना दूभर हो चुका है।

इस मौक़े पर प्रदर्शन में रजत बेलाल, पंकज सिंह, गणेश धौनी, राजन घटाल, दीपक, आशीष, बौबी चंद, लक्ष्मण नयाल,रोहित खड़ायत, सुनील समेत अनेक युवा शामिल रहे।

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