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देहरादून। चमोली की ( Golden Girl Mansi Negi) मानसी नेगी ने दुश्वारियों की पगडंडियों को सफलता की राह में बदल डाला। वॉक रेस में मानसी की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन गर्ल की बन चुकी है। वह बेहद गरीब परिवार से तालुक रखती हैं। मानसी को उनकी मां ने दूध बेचकर इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की। मानसी को हाल में ही उत्तराखंड में तीलू रोतेली पुरुस्कार (Teelu Roteli Award)भी मिला है।
चमोली जिले के दूरस्थ गांव मजोठी गांव निवासी मानसी नेगी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। मानसी के पिता लखपत सिंह नेगी का 2016 में निधन हो गया था। मां शकुंतला देवी बेटी को खिलाड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी। इसलिए उन्होंने घर में ही गाय व खेती-बाड़ी कर बेटी को गोपेश्वर पढ़ने के लिए भेजा।

मानसी ने 2018 में राजकीय बालिका हाईस्कूल गोपेश्वर से दसवीं पास की व जीजीआईसी देहरादून से 2020 में इंटर किया। यहां पर स्टेडियम में वॉक रेस की प्रेक्टिस की । बाद में देहरादून के स्पोर्टस कालेज में रहकर नाम रोशन किया। देहरादून में अध्ययन के दौरान उसने महाराणा स्पोर्टस कालेज से भी प्रशिक्षण लिया। मानसी पंजाब के निजी विश्व विद्यालय से स्नातक कर रही है।
मानसी के खाते में पदक
मार्च में तमिलनाडु में आयोजित 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर मानसी ने 20 किमी वॉक रेस में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने इस रेस को एक घंटे 41 मिनट में पूरा किया था। पिछले साल गुवाहाटी में 11 से 15 नवंबर तक आयोजित 37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंडर-20 महिला वर्ग की 10 हजार मीटर की वॉक रेस में मानसी ने स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने यह रेस 47:30:94 मिनट में पूरा कर नेशनल रिकार्ड बनाया था।

