By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha
वर्तमान में अंचल के किसान एक विचित्र परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि-विभाग केसिंगा कार्यालय द्वारा इस वर्ष किसानों को उड़द के जिस बीज की आपूर्ति की गयी, बिजाई के बाद उससे पौधे तो बने, परन्तु उनमें फूल-फल बिलकुल नहीं आया, जो कि किसानों के लिये चिन्ता का सबब बन गया था। किसानों के अनुसार कोरोनाकाल के चलते उन्होंने उधार-बाड़ कर किसी प्रकार कृषि-विभाग से यह सोच कर उन्नत किस्म का बीज ख़रीदा था कि उससे अच्छी उपज मिलेगी, परन्तु उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। अब उन्हें फ़िक्र यह सता रही है कि वह महाजन से लिया अपना कर्ज़ कैसे चुकता करेंगे।
किसानों के समर्थन में युवा संगठक सुरेश राव के नेतृत्व में तमाम दलों एवं संगठनों के नेताओं द्वारा इस विभागीय अनियमितता एवं लापरवाही के विरुद्ध आवाज़ उठाई गयी है, ताकि किसानों को हुये नुक़सान की समुचित भरपायी हो सके।
इस परिप्रेक्ष्य में त्रिनाथ नायक, युधिष्ठिर माझी, नेहरू सुनानी, देवेन्द्र भुजबल, कृषिसाथी लव करुआं, चूड़ा माझी तथा प्रशान्त बनर्जी आदि नेताओं द्वारा समस्या सम्बन्धी एक ज्ञापन विकासखंड अधिकारी केसिंगा के ज़रिये ज़िलाधीश कालाहाण्डी को प्रेषित करते हुये किसानों को हुये नुक़सान की समुचित भरपायी के अलावा भविष्य में उनके साथ ऐसा छलावा न हो, इसलिये एक विशेष
निगरानी दल गठित किये जाने की मांग भी की गयी है, ताकि बीज उपलब्ध कराने वाली संस्था एवं सम्बध्द विभागीय अधिकारियों पर सतत नज़र बनी रह सके। ज्ञापन की प्रतिलिपि कृषि-मंत्री ओड़िशा, अरुण साहू, कृषि सचिव सौरभ गर्ग, ऊर्ज़ा एवं एमएसएमई मंत्री कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र, 5-टी सचिव वी.के.पाण्डियन, नेता प्रतिपक्ष प्रदीप्त नायक तथा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के गोचरार्थ भी प्रेषित की गयी हैं।