हल्द्वानी। प्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्होंने हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 53 साल के थे। मेहरा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत अन्य लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा का जन्म 04 जनवरी 1971 को पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील चामी भेंसकोट में हुआ था। उनके पिता का नाम हेम सिंह है वह शिक्षक रह चुके हैं, उनकी माता का नाम लाली देवी है। प्रहलाद मेहरा को बचपन से ही गाने और बजाने का शौक रहा, और उन्होंने शौक को व्यवसाय में बदल लिया। वह स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी और गजेंद्र राणा से प्रभावित होकर संगीत के क्षेत्र में आए। साल 1989 में अल्मोड़ा आकाशवाणी में उन्होंने स्वर परीक्षा पास की , प्रहलाद मेहरा अल्मोड़ा आकाशवाणी में A श्रेणी के गायक थे।
प्रहलाद मेहरा ने 150 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी थी। उनके गाने खासे लोकप्रिय रहे हैं। इनमें कुछ महीने पहले गाया रूमा बिजुली झम, पहाड़क चेली ले ,चांदी बटना दाज्यू, मेरी मधुली, का छ तेरो जलेबी को डाब,ओ हिमा जाग, कुर्ती कॉलर मा, एजा मेरा दानपुरा जैसे गीत शामिल है।