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भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाने का आरोप लगाकर कनाडा के प्रधानमंत्री ने ख़ुद के लिए मुसीबत मोल ली है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें इस मुद्दे पर कुछ ख़ास सपोर्ट नहीं मिल रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। लेकिन उन्होंने एक बार भी अपने सहयोगी कनाडा का जिक्र नहीं किया। जबकि उन्होंने कई बार भारत का नाम लिया। जिसमें प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेस्ट्रेलिया और भारत के साथ काम करने का उल्लेख शामिल है। और साथ ही भारत से मिडिल ईस्ट को जोड़ते हुए यूरोप तक जाने वाले कॉरिडोर व व्यापार समझौते पर अमेरिका राष्ट्रपति ने प्रकाश डाला। हाल में दिल्ली में संपन्न जी20 बैठक में जो महत्वपूर्ण डील संपन्न हुई थी, उसको लेकर भी अमेरिका उत्साहित है।
बाइडेन द्वारा लिए गए स्टैंड से कनाडा संतुष्ट नहीं होगा। क्योंकि उसने अपने कदम की जानकारी अमेरिका को दे दी थी। शायद जस्टिन ट्रुडो को लगा होगा कि वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निकालने और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाने से पश्चिमी देश उसके पक्ष में खड़े हो जाएंगे। लेकिन ऐसा अब तक होता नहीं दिख रहा है। अमेरिका के साथ-साथ ऑस्ट्रेस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने भी भारत के विरोध में कोई सार्वजनिक बयान नहीं जारी किया है। जाहिर है कि वे भारत के साथ अपने मजबूत रिश्तों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेंगे। जी20 सम्मेलन के दौरान दुनिया के बड़े नेताओं ने भारत और मोदी के साथ अपनी दोस्ती का इजहार किया।
हालांकि अंतराष्ट्रीय मामलों के एक्सपर्ट कहते हैं कि अमेरिका आदि देशों के रुख से यह नहीं लगा है कि वे भारत को क्लीन चिट दे रहे हैं या ट्रुडो पर संदेह जता रहे हैं। हां इतना तय है कि वे कैनेडा के साथ आगे बढ़कर कुछ नहीं कह रहे। अमेरिका के लिए यह दुविधा की स्थिति है, क्योंकि भारत के साथ जिस तरह के रिश्ते हैं। ऐसे में कैनेडा को सपोर्ट करने का जोखिम बाइडेन नहीं उठा सकते।
भारत एक उभरती और तेज़ी से बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति है, जिसका बड़ा बाज़ार निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। हाल के वर्षों में चीन के रवैये से परेशान कई देश भारत का पुरजोर समर्थन करने लगे हैं। उन्हें एक लोकतांत्रिक देश के आगे बढ़ने में कोई परेशानी नहीं है।