चीन व जापान सहित दुनिया के कुछ देशों में हाईस्पीड रेल नेटवर्क बेहद सफल रहा है। इसको लेकर भारत में भी तेज़ी से काम हो रहा है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन का सपना कुछ ही सालों में पूरा हो जाएगा। देश की पहली हाईस्पीड बुलेट ट्रेन के लिए पहले कुछ बाधाएं थीं, जिन्हें दूर कर लिया गया है। बताया जाता है कि इस रूट पर ज़मीन अधिग्रहण का कार्य सौ फीसदी पूरा किया जा चुका है।
बता दें कि जापान के सहयोग से संचालित होने वाली भारत की इस बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन का पहला चरण वर्ष 2026 में पूरा होने की उम्मीद है। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉपरेशन लिमिटेड(एनएचएसआसीएल) की मानें तो गुजरात के अहमदाबाद से वापी तक ट्रैक आदि बनाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। ध्यान रहे कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच रेल मार्ग में 24 नदियां मौजूद हैं। लेकिन छह नदियों पर पुल तैयार किए जा चुके हैं। जबकि कुछ अन्य बड़ी नदियों नर्मदा,ताप्ती, माही और साबरमती नदियों पर पुल आदि बनाने का कार्य चल रहा है। इतना ही नहीं बुलेट ट्रेन रूट में समुद्र के नीचे रेल सुरंग बनाने का काम शुरू हो चुका है। जो भारत में अपने तरह की पहली सुरंग होगी। बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद और साबरमती सहित कई स्टेशन लगभग तैयार हो चुके हैं।
जबकि इस परियोजना के लिए 271 किमी. ट्रैक ढलाई का कार्य पूरा हो चुका है। जाहिर है कि इस रेल मार्ग को जापान की मदद से तैयार किया जा रहा है, ऐसे में जापानी तकनीक से कंक्रीट ट्रैक बैड बिछाने का काम भी हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में कई ऐसे मुश्किल कार्यों को भी अंजाम दिया गया है। जो न केवल समय पर तैयार हुए, बल्कि उनकी क्वालिटी भी शानदार है। गौरतलब है कि अहमदाबाद-मुंबई रूट की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है। इस मार्ग पर बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किमी. प्रति घंटा होगी। इस परियोजना पर एक लाख करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह भारत के रेल इतिहास में क्रांतिकारी कदम साबित होने वाला है। क्योंकि देश में अब तक ट्रेनों की रफ्तार बेहद कम है, जबकि चीन व जापान में तमाम ट्रेनें 350 किमी. प्रति घंटा की गति से दौड़ती हैं।


