नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेडी ने यूजीसी के जनवरी 2025 की नई नियमावली का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के क्रियान्वयन से विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों को दूरगामी सार्थक परिणाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि सीएसयू इस शिक्षा नीति के मार्गदर्शन को कम से कम समय में अधिक से अधिक निर्णयों को संकाय सदस्यों तथा छात्र छात्राओं के अतिरिक्त कर्मचारियों के हित में इसे लागू करने के लिए कटिबद्ध है ।
प्रो वरखेडी ने कहा है कि सीएसयू ने आयुर्वेद गुरुकुलम, एलएलबी तथा भारतीय प्राचीन विधि शास्त्र तथा संगणक जैसे नवाचारी पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त विविध विश्वविद्यालयों व नवोन्मेषी संगठनों से आकादमिक समझौते भी किये हैं,ताकि एनईपी 2020 के अनुकूल नवाचारी पाठ्यक्रमों का समुचित विस्तार हो सके। उन्होंने कहा कि जाने माने शिक्षाविद् प्रो चांद किरण सलूजा के मार्गदर्शन में सीएसय एक ऐसे पोस्ट डौक्टोरल प्रोजेक्ट का भी श्रीगणेश करने जा रहा है जिसमें संस्कृत शास्त्र तथा शिक्षा शास्त्र के शोधार्थियों द्वारा भारत की प्राचीन शिक्षा मूल्यांकन पद्धति के मूल्यों को पुनस्र्थापित करने के लिए शोध परक सामग्रियों को व्यवस्थित किया जा सके। इससे भारतीय ज्ञान परम्परा के अध्ययन अध्यापन को बहुत ही बल मिलेगा ।